Silver Price Hike: चांदी की चमक आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है. जल्द ही चांदी की कीमत एक लाख रुपये को पार करते हुए 1.25 लाख रुपये प्रति किलो तक जा सकती है. चांदी की कीमतों को लेकर मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपने रिपोर्ट में बड़ी भविष्यवाणी की है. अपने रिपोर्ट में ब्रोकरेज हाउस ने निवेशकों को कीमतों में आने वाली गिरावट पर चांदी खरीदने की सलाह दी है. 


1.25 लाख रुपये तक जाएगा चांदी!


मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal financial Services) ने चांदी को लेकर तिमाही रिपोर्ट जारी की है जिसमें निवेशकों को गिरावट पर चांदी खरीदने की सलाह दी गई है. रिपोर्ट में ब्रोकरेज हाउस ने चांदी की कीमतों को लेकर अपने पुराने टारगेट प्राइस को रिवाइज किया है. मोतीलाल ओसवाल ने चांदी पर अपने पुराने टारगेट प्राइस को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1,25,000 रुपये प्रति किलो कर दिया है जबकि कॉमेक्स पर 40 डॉलर प्रति आउंस का टारगेट दिया गया है. रिपोर्ट में ब्रोकरेज हाउस ने कहा 12 से 15 महीने में ये टारगेट हासिल हो सकता है.    


गिरावट पर चांदी खरीदने की सलाह 


ब्रोकरेज हाउस के रिसर्च नोट के मुताबिक हाल के महीनों  में चांदी की कीमतों में 30 फीसदी का उछाल देखने को मिला है जिसके चलते कुछ इंटर्वल्स पर मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है. हालांकि चांदी में आने वाली कोई भी गिरावट को खरीदने के अवसर के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए. ब्रोकरेज हाउस ने कहा कि 86,000 - 86,500 रुपये चांदी के लिए प्रमुख सपोर्ट लेवल है. 


क्यों आएगी कीमतों में तेजी? 


रिपोर्ट में कहा गया कि चांदी स्लो मूवर के टैग से बाहर आ चुका है और इस वर्ष कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला है. सोने और चांदी के बीच की रेस में चांदी जीत के कगार पर है. फेड की ओर ब्याज दरों में कमी के फैसले का निवेशक इंतजार कर रहे हैं. अमेरिका में कमजोर इकोनॉमिक डेटा से मेटल्स को सपोर्ट मिल रहा है. सितंबर की फेड मीटिंग में 70 फीसदी ब्याज दर कटौती की संभावना है. तो वैश्विक तनाव के चलते भी झटके लग रहे हैं. 2024 में चांदी का घरेलू इंपोर्ट बढ़ा है और 4000 टन पर जा पहुंचा है. ईटीएफ में फ्लो सामान्य है पर वैसे लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं. सिल्वर इंस्टीच्युट का मानना है कि चांदी की सप्लाई डिमांड से कम रह सकती है. और चीन में आर्थिक विकास तेज होने पर इंडस्ट्रियल मेटल्स की डिमांड बढ़ने पर चांदी की कीमतेों में तेजी आ सकती है.  


ये भी पढ़ें 


ग्लोबल कंपनियां चीन को छोड़ सप्लाई चेन की मजबूती के लिए आ रही भारत, 2030 तक 835 बिलियन डॉलर का होगा एक्सपोर्ट