Silver Outlook: देश हो या विदेश, एमसीएक्स हो या कॉमैक्स- चमकीली मेटल चांदी अपनी तेजी से इंवेस्टर्स और खरीदारों दोनों की आंखों में चमक मार रही है. भारत में यूं तो सोने को लेकर लोगों का आकर्षण दुनियाभर में जाना जाता है लेकिन यहां हालात में बदलाव हुआ है. सोने से ज्यादा चांदी के सिक्कों की खनक पर कमोडिटी निवेशक झूम रहे हैं. सुनहरी मेटल सोना और चमकीली मेटल चांदी के बीच की तेजी की जंग में फिलहाल चांदी बाजी मारती हुई दिख रही है. इस साल अभी तक सोने और चांदी के बढ़त के अनुपात और रिटर्न के बीच का अंतर देखें तो चांदी रेस में आगे निकली हुई है.


आज भी हजार रुपये से ज्यादा उछली चांदी


मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर जुलाई डिलीवरी के लिए बुधवार को चांदी की कीमत 1045 रुपये बढ़कर 96493 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. कमोडिटी मार्केट में लगातार मजबूत हाजिर मांग के चलते कारोबारियों ने अपने सौदों के कॉन्ट्रेक्ट बढ़ा दिए हैं.


चांदी के भविष्य के आउटलुक पर एक्सपर्ट की राय


कामा ज्वैलरी के एमडी कोलिन शाह ने चांदी के लिए आगे की राह कैसी रहेगी इस पर राय दी है. उन्होंने कहा कि इस साल चांदी की कीमतों ने सोने की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है और साल-दर-तारीख (YTD) लगभग 18 फीसदी की बढ़त हासिल की है. चांदी को एक कीमती मेटल, सजावटी मूल्य होने के अलावा एक औद्योगिक धातु भी माना जाता है. इलेक्ट्रिक वाहनों, सौर पैनलों और 5जी एंटिना सहित अन्य उत्पादों में चांदी एक अनिवार्य कच्चा माल है, जिससे आने वाले सालों में मांग में लगातार बढ़ोतरी देखी जाएगी. इसके कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद है.


फिलहाल चल रहे भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक अनिश्चितता, ऊंची महंगाई दर, मजबूत औद्योगिक मांग के साथ दरों में कटौती की उम्मीद के कारण पिछले कुछ दिनों से चांदी की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. आगे बढ़ते हुए, एक कीमती और एक इंडस्ट्रियल मेटल होने की इसकी मिश्रित प्रकृति को देखते हुए, एक मजबूत रैली की संभावना दिख रही है. इसमें मौजूदा परिस्थितियों के समर्थन से 2024 के अंत तक 1 लाख रुपये का आंकड़ा पार करने की संभावना है.


क्यों बढ़ रही सिल्वर मेटल में चमक


कमोडिटी मार्केट के जानकारों का कहना है कि चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी मुख्य रूप से पॉजिटिव घरेलू रुझान के कारण बनी ताजा पोजीशन की वजह से देखी जा रही है. ग्लोबल स्तर पर आज न्यूयॉर्क में चांदी 0.37 फीसदी बढ़कर 32.26 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी. 


अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी फंड मैनेजर्स का क्या है मानना


अंतरराष्ट्रीय कमोडिटी फंड मैनेजरों के मुताबिक इस साल की शुरुआत तक चांदी और सोने का खनन हमेशा की तरह अनुपातिक ही किया जा रहा था. सोना हमेशा चांदी से आगे रहा है लेकिन अब चांदी की कीमतें बढ़ रही हैं. डिमांड और वैल्यू स्पीड में संरचनात्मक बदलावों पर निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने की जरूरत है क्योंकि ये उन वजहों में से हैं जो चांदी की कीमतों को लगातार चढ़ाती जा रही हैं.


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