कोरोनावायरस संक्रमण से बढ़ी आर्थिक अनिश्चितता के माहौल में लोगों का गोल्ड और सिल्वर जैसे सुरक्षित माने जाने वाले निवेश की ओर रुझान बढ़ा है. लिहाजा दोनों के ग्लोबल और घरेलू कीमतें नई ऊंचाई छू रही हैं. भारतीय बाजार में सोना 50 हजार रुपये (प्रति दस ग्राम) पर पहुंचने को है वहीं चांदी 54 हजार रुपये (प्रति किलो) पर पहुंच चुकी है. वायदा बाजार में यह 60 हजार रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है.
मंगलवार को ग्लोबल मार्केट में स्पॉट सिल्वर 3.3 फीसदी चढ़ कर 20.56 डॉलर प्रति औंस की नई ऊंचाई पर पहुंच गई. अगस्त 2016 के बाद चांदी में यह सबसे ज्यादा बढ़त है. कीमत में तेज इजाफे के मामले में इसने सोने को पीछे छोड़ दिया है.
क्यों बढ़ रही है चांदी ?
ग्लोबल मार्केट के असर से भारत में भी चांदी के दाम बढ़ रहे हैं. ईयू में बढ़े स्टिम्युलस, चीन में आर्थिक रिकवरी और वैक्सीन के मोर्चे पर उम्मीद बढ़ने से अर्थव्यवस्था में सुधार की गुंजाइश दिख रही है. लिहाजा इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में तेजी की उम्मीद, चांदी में निवेश को बढ़ावा दे रही है. चांदी का इस्तेमाल सोलर पैनलों और इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों में होता है. भारत में सोलर एनर्जी में बढ़ते निवेश को देखते हुए इसके दाम में और तेजी की संभावना है.
भारत में बढ़ेगी मांग
मौजूदा स्थिति को देखते हुए चांदी में निवेश बेहतर रिटर्न देने वाला साबित हो सकता है. भारत में रूरल डिमांड बढ़ने से चांदी में खरीद बढ़ेगी. त्योहारी सीजन आने और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में तेजी की वजह से भी इसकी डिमांड बढ़ेगी. देश में जिस तरह से सोलर एनर्जी में निवेश बढ़ रहा है उससे भी चांदी में तेजी आएगी. लॉकडाउन की वजह से दुनिया भर में चांदी उत्पादक देशों से सप्लाई कम हो रही है इसलिए आने वाले दिनों में चांदी की डिमांड बनी रहेगी. इस वक्त चांदी में निवेश अच्छा रिटर्न कमाने का मौका है.