SIP Investment Tips: अगर आप पहली बार किसी निवेश में हाथ आजमा रहे हैं तो म्यूचुअल फंड आपके के लिए एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है. इस निवेश के द्वारा आप एकमुश्त निवेश (Onetime Investment) या कुछ समय के दौरान सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) की मदद से भी निवेश कर सकते हैं. अगर आप कम रिस्क में ज्यादा से ज्यादा रिटर्न (More Return less Investment) पाना चाहते हैं तो सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) आपके लिए एक बहतरीन निवेश ऑप्शन (Best Options for Investment) हो सकता है. इसका चनाव आप अपनी जरूरतों के हिसाब से कर सकते हैं. अगर आप भी एसआईपी (SIP Investment) में पहली बार निवेश करने वाले हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है. तो चलिए जानते हैं उन बातों के बारे में तो एसआईपी में निवेश करते वक्त ध्यान रखनी चाहिए-
मंगाई दर पर रखें नज़र
आपको बता दें कि कहीं भी निवेश करने से पहले आप मंगाई दर (Inflation Rate) यानी इंफ्लेशन का विशेष ख्याल रखें. एसआईपी में निवेश करने से पहले आप आज के समय और भविष्य के इंफ्लेशन का जरूर कैल्कुलेशन (Inflation Rate Calculation) कर लें. सही तरह से इंफ्लेशन का ध्यान नहीं रखने पर आप रिटर्न कम प्रभावी रहेगा.
निवेश की प्लानिंग सावधानी से बनाएं
आपको बता दें की मार्केट में इक्विटी फंड (Equity Fund), डेट फंज या हाइब्रिड फंड आदि जैसे कई ऑप्शन्स मौजूद है. ऐसे में निवेश करने से पहले सभी करे बारे में सही जानकारी लेना बहुत जरूरी है. आप निवेश पर अपनी क्षमता, अनुमानित रिटर्न और निवेश का समय इन सभी चीजों को कैल्कुलेट करके ही निवेश के ऑप्शन का चुनाव करें. आप कम रिस्क वाला निवेश (Less Risk Investment) करना चाहते हैं तो डेट फंड में अपने पैसे लगाएं. वहीं ज्यादा रिस्क लें सकते हैं तो हाइब्रिड फंड का चुनाव कर सकते हैं.
एक ऑप्शन में ही सारा निवेश न करें
निवेश करते वक्त इस बात का खास ख्याल रखें कि अपने पूरे पैसे एक जगह लगाने के बजाए आप कई ऑप्शन्स (Mutual Fund Options) का चुनाव करें. इससे रिस्क कम होता है. इससे रिस्क को छोटे-छोटे भाग में बांटने में मदद मिलती है. लेकिन, ज्यादा ऑप्शन ट्राई करने पर आपके रिटर्न में कमी आ सकती है.
अपने निवेश के समय और रिटर्न को जांचे
आपको बता दें कि निवेश करने से पहले इस बात का खास ख्याल रखें कि आपका निवेश शॉर्ट टर्म (Short Term Investment) का है या लॉग टर्म (Long Term Investment) का है. इससे आपको मिलने वाले रिटर्न का पता चलेगा. इसके साथ ही आप भविष्य के अपने लक्ष्य को पूरा कर सकेंगे.
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