सेविंग्स के लिए बेहतर विकल्प है SIP, 500 रुपए की छोटी रकम के साथ कर सकते हैं शुरूआत
SIP के जरिए आप अपने अंदर सेविंग्स की आदत डाल सकते हैं. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान के तहत इसका ज्यादा फायदा मिलता है. छोटी रकम के साथ बड़ा फायदा लेने का ये आसान तरीका है.
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नई दिल्ली: आजकल हर शख्स अपने बेहतर भविष्य के लिए सेविंग करने की सोचता है पर लाख कोशिशों के बाद वो पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो पाता, कम कमाई और बढ़ते खर्चे ठीक से बचत नहीं होने देते. ऐसे में इन्वेस्टमेंट एक अच्छा विकल्प हो सकता है. हम यहां बात कर रहे हैं सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) की जिसे अपनाकर फायदे के साथ अच्छी खासी रकम इकट्ठा की जा सकती है.
क्या है SIP
सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान एक व्यवस्थित निवेश योजना है जिसे SIP भी कहा जाता है. SIP एक आसान तरीका है जो फलेक्सिबिलटी के साथ आपको निवेश करने की आदत डाल देता है. फलेक्सिबिलटी से हमारा मतलब ये है कि यहां आपको किसी बड़ी रकम के साथ निवेश करने की जरूरत नहीं पड़ती आप 500 रुपए की एक छोटी रकम के साथ भी इसकी शुरूआत कर सकते हैं. हालांकि इन्वेस्टर्स को इसमें दोनों तरह के ऑप्शन मिलते हैं.
SIP कैसे काम करता है? SIP में पैसे लगाने के लिए सबसे पहले इन्वेस्टर्स को अपने पसंद के म्यूचुअल फंड योजना को चुनना होता है. उसके लिए कुछ औपचारिक्ताएं बैंक के साथ करनी पड़ती है. मनी ट्रांसफर करने के लिए इन्वेस्टर्स अपने सेविंग अकाउंट से ऑटो-डेबिट ऑप्शंस चुनना होता है. इसके बाद हर महीने आपके अकाउंट से वो निश्चित रकम अपने आप कट जाती है. इस तरह सेविंग भी होती रहती है और ज्यादा बोढ भी नहीं पड़ता. एक निश्चित समय के बाद आपके द्वारा इन्वेस्ट की गई रकम पर अच्छा खासा फायदा मिलता है.
जब इन्वेस्टर्स म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो निवेशक को नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) के रूप में जानी जाने वाली बाजार दर के आधार पर चल रही कुछ यूनिट्स मिलती हैं. हर बार जब इन्वेस्टर्स पैसे डालते हैं, तो म्यूचुअल फंड योजना की अतिरिक्त इकाइयां वर्तमान बाजार के दर पर खरीदी जाती हैं और निवेशक के अकाउंट में जोड़ दी जाती हैं. इन म्यूचुअल फंड इकाइयों को हर बार अलग-अलग दरों पर खरीदा जाता है, इससे निवेशकों को रुपये-लागत औसत और कंपाउंडिंग पावर का फायदा मिलता है. इन्वेस्टर्स जब चाहें अपने द्वारा जमा की गई रकम की नेट एनुअल वैल्यू, करेंट प्राइस जान सकते हैं.
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