Weak Rupee Spoils Festive Season: डॉलर (Dollar) के मुकाबले रुपया ( Rupee) हर रोज रसातल में गिरता जा रहा है. हालत ये है कि रुपया एक डॉलर के मुकाबले 82 रुपये के लेवल के नीचे जा फिसला है और जानकारों की मानें तो ये 85 रुपये तक भी गिर सकता है. देश में त्योहारों का सीजन ( Festive Season) शुरू हो चुका है. नवरात्रि का त्योहार खत्म हो चुका है. पर अब करवा चौथ, से लेकर धनतरेस और दिवाली आने को है. ये ऐसे पर्व हैं जिसमें लोग जबरदस्त खरीदारी करते हैं. 


इन त्योहारों पर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से लेकर सोने चांदी, घर गाड़ी सभी की खरीदारी की जाती है. लेकिन महंगा डॉलर और कमजोर रुपया त्योहारों के मजे को फीका कर सकता है. कमजोर रुपये के चलते सभी ऐसी वस्तुएं जो या तो आयात की गई हैं या फिर उसमें आयातित वस्तुओं का इस्तेमाल किया गया है वो महंगी हो सकती है. अब आपको बताते हैं कैसे कमजोर रुपया इस त्योहारों के सीजन में आपकी जेब पर डाका डालने वाला है.  


महंगा होगा सोना खरीदना!
भारत सोना के बड़े आयातकों देशों में शामिल है. नवरात्रि, से लेकर करवा चौथ, धनतरेस और दिवाली पर लोग सोना या फिर सोने की ज्वेलरी की खरीदारी करते हैं. लेकिन इस त्योहारी सीजन में सोने की खरीदारी आपकी जेब पर भारी पड़ने वाली है. सोने का आयात करना महंगा हो गया है. ऐसे में देश में सोने के दामों का बढ़ना लाजिमी है. हाल ही में सोना 50,000 प्रति 10 ग्राम के नीचे जा लुढ़का था. लेकिन फिर से सोना 52,000 रुपये के ऊपर जा पहुंचा है. और माना जा रहा है कि कमजोर होते रुपये के चलते आने वाले दिनों में कीमतें और बढ़ सकती है. 


महंगा होगा इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स!
नवरात्रि पर रिकॉर्ड मोबाइल फोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की बिक्री हुई है. ऐसी ही सेल्स की उम्मीद धनतरेस और दिवाली पर भी की जा रही है. लेकिन जिस प्रकार रुपया कमजोर हो रहा है उसके बाद माना जा रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और भी महंगी हो सकती है. 


महंगी हो सकती है कारें!
एक तो इस वर्ष वैसे ही कमोडिटी की बढ़ती कीमतों के चलते ऑटोमोबाइल कंपनियां दाम बढ़ाती रही हैं और उसका भार ग्राहकों पर डाला है. लेकिन कमजोर हो रहे रुपये और डॉलर की मजबूती के बाद ऑटमोबाइल कंपनियों की लागत और बढ़ सकती है. जिसके चलते इस त्योहारों के सीजन में कार खरीदना जेब पर भारी पड़ सकता है. दरअसल ऑटोमोबाइल कंपनियों मैन्युफैक्चरिंग के लिए कई चीजें इंपोर्ट करती हैं. डॉलर में आई मजबूती के बाद इंपोर्ट महंगा हो जाएगा. जिसका खामियाजा कस्टमर्स को उठाना पड़ सकता है.     


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