SM REIT: रियल एस्टेट के संसार में एक खुशी की फुहार की तरह स्मॉल एंड मीडियम रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट या SM REITs आया है. भारत के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड (सेबी) ने मार्च 2024 में ही स्मॉल एंड मीडियम रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट को लेकर फ्रेमवर्क जारी किया है जिसके बारे में जानकर आपको हैरानी होगी कि कैसे दिल्ली-मुंबई, चेन्नई-कोलकाता जैसे शहरों के अलावा कई शहरों में सस्ती प्रॉपर्टी का मालिक बनना हो तो ऐसा आसानी से कर सकते हैं.
स्मॉल एंड मीडियम रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट या SM REIT है क्या-जानें?
10 लाख रुपये के कम से कम निवेश के साथ एक कम टिकट साइज वाले रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्र्स्ट में निवेश का ऑप्शन आपके पास है. इसे स्मॉल एंड मीडियम रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट या SM REIT कहा जाता है. इस ऐसेट क्लास में निवेश करने के लिए आपको कम से कम 10 लाख रुपये का शुरुआती इंवेस्टमेंट करना है. SM REIT के जरिए आप प्री-लीज वाले ऑफिस, रिटेल मॉल, होटल आदि में निवेश कर सकते हैं. कहीं-कहीं तो 10 लाख रुपये के शुरुआती रकम से भी ऐसा कर सकते हैं. REIT के जैसे ही SM REIT यूनिट भी स्टॉक एक्सचेंजों पर ट्रेड करेंगी और सेबी इन्हें पूरी तरह से रेगुलेट करती है.
SM REIT रियल एस्टेट के निवेशकों के लिए एक नए ऐसेट क्लास के दरवाजे खोल चुका है. यह रियल एस्टेट को रिटेल और संस्थागत निवेशकों के बड़े वर्ग के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है और इसमें निवेशक म्यूचुअल फंड की ही तरह पैसा लगा सकते हैं. ये पूरी तरह सुरक्षित भी है और निवेशकों को इसमें भरोसा मिलता है क्योंकि सेबी ने इसको अपने रेगुलेशन के अंतर्गत रखा है.
इसके फायदे क्या-क्या हैं
- रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट के बेनेफिट्स क्या-क्या हैं अगर आप सबसे पहले तकनीकी रूप से समझें तो एक बड़ी या मशहूर बिल्डिंग के छोटे से हिस्से के ओनर आप भी हो सकते हैं.
- कम पूंजी में आपको किसी शानदार बिल्डिंग, मॉल या होटल में ओनरशिप मिलती है जो कमर्शियल रूप से जितना सफल हो तो आपके लिए लगातार रेंटल इनकम बढ़ने का चांस होता है.
- SM REIT आपके प्रीमियम बिल्डिंग्स, रिटेल मॉल के साथ अच्छे होटल्स में निवेश का मौका दिलाता है जिसमें रेंटल इनकम के साथ साथ कैपिटल में बढ़त यानी पूंजी पर रिटर्न भी आपको मिलता है.
- सबसे अच्छी बात ये है कि किसी प्रॉपर्टी में प्रॉपर्टी मैनेजमेंट का रिस्क लिए बिना आप उसके फ्रैक्शनल ओनरशिप यानी कुछ परसेंट के मालिक बन सकते हैं.
- चूंकि ये SM REIT स्टॉक्स एक्सचेंज पर लिस्टेड होते हैं तो इसके लिए ना तो ज्यादा पेपरवर्क करना होता है और ना ही ज्यादा लोगों से मिलकर स्कीम समझने का तामझाम होता है.
- SM REIT खरीदने के लिए आपको केवल Demat अकाउंट होना जरूरी है.
- SM REIT में निवेशक को पूरी ट्रांसपेरेंसी यानी पारदर्शिता मिलती है और चूंकि इसका प्रदर्शन और मॉनिटरिंग फंड मैनेजरों के जरिए होती है तो आप सुकून से रह सकते हैं.
- आपने जिस प्रॉपर्टी में निवेश किया है या SM REIT खरीदा है तो उसकी पूरी जानकारी आप ले सकते हैं. जैसे- रियल एस्टेट प्रॉपर्टी का रेंट कितना है? किराएदार कौन है और रेंट लॉक-इन-पीरीयड क्या है- ये सब जानकारी आपको निवेश करने से पहले ही मिल सकती है.
सेबी ने पहला SM REIT लाइसेंस किसे दिया
SM REIT को लेकर जो शुरुआत की गई है और अभी तक सेबी ने कुछ ही रियल एस्टेट ट्रस्ट को इस SM REIT के लिए लाइसेंस देने का ऐलान किया है. फ्रैक्शनल ओनरशिप प्लेटफॉर्म (FOP) प्रॉपर्टी शेयर (Property Share) को अगस्त में ही सेबी ने देश के पहले SM REIT का लाइसेंस दिया है. Property Share Investment Trust (PSIT) के नाम तले सेबी ने ये लाइसेंस दिया है. कंपनी के मैनेजमेंट ने इसके आईपीओ को लाने को लेकर भी अगस्त में संकेत दिए थे.
मार्च 2024 में सेबी ने लिया बड़ा फैसला
मार्च 2024 में सेबी ने SM ARIIT के शेयरहोल्डर्स को फ्रैक्शनल ओनरशिप प्लेटफॉर्म (FOP) के तहत लाया गया है. इनकी कीमत 50 करोड़ रुपये से 500 करोड़ रुपये के दायरे में है. REIT की ही तरह SM REIT को स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टेड हर स्कीम की यूनिट्स के साथ सेबी द्वारा पूरी तरह से रेगुलेटेड किया जाता है.
Indias REITs से कैसे अलग है SM REIT
भारत के शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी ने मार्च 2024 में SM REIT को लेकर फ्रेमवर्क जारी किया है और ये InvITs और Indias REITs से कुछ मायनों में अलग है और कुछ बेसिक फीचर्स वहां से लिए गए हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 से लेकर मार्च 2024 तक सेबी के इंडिया रीट और इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) ने कुल मिलाकर 1.3 ट्रिलियन रुपये की राशि संयुक्त रूप से हासिल की है.
ये भी पढ़ें