Small Saving Schemes Collection: छोटी बचत योजनाओं के तहत कलेक्शन में बढ़ोतरी देखी गई है. सितंबर तिमाही के दौरान केंद्र सरकार की ओर से चलाई जाने वाली योजना सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के तहत जमा राशि साल दर साल करीब 2.5 गुना बढ़ी है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, योजना के तहत बढ़कर कुल कलेक्शन 74,675 करोड़ रुपये हो गई है.
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में एक साल पहले इस अवधि के दौरान कलेक्शन 28,715 करोड़ रुपये थी, जो 160 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है. वहीं सितंबर तिमाही के दौरान महिला सम्मान बचत सर्टिफिकेट के तहत कुल कलेक्शन 13,512 करोड़ रहा है. यह योजना मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान ही महिलाओं के लिए लागू की गई थी.
ब्याज और निवेश की सीमा में इजाफा
जून तिमाही में सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के लिए ब्याज दर 8 फीसदी से बढ़ाकर 8.2 फीसदी कर दी गई और तब से इसे अनचेंज रखा गया है. इसके अलावा, इस साल अप्रैल से बुजुर्गों के लिए योजना में निवेश की सीमा 15 से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी गई थी.
इन छोटी बचत योजनाओं का नहीं बढ़ा ब्याज
केंद्र सरकार की ओर अन्य छोटी बचत दरें दिसंबर तिमाही के लिए अपरिवर्तित रहीं हैं. हालांकि पांच साल वाली आरडी स्कीम के तहत ब्याज 20 बेसिस प्वाइंट बढ़ाया गया. वहीं पब्लिक प्रोविडेंड फंड स्कीम के लिए ब्याज दर 7.1 फीसदी अपरिवर्तित बनी हुई है. एक अधिकारी ने कहा कि टैक्स बेनिफिट को लेकर इसके ब्याज को अनचेंज रखा गया है.
कब से नहीं बढ़ा पीपीएफ का ब्याज
अप्रैल 2020 के बाद से ही पीपीएफ के ब्याज में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जब इसे घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया गया था. वहीं अप्रैल-जून 2021 के लिए सरकार ने इसे 7.1 फीसदी से घटाकर 6.4 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया था. हालांकि इस फैसले को एक दिन बाद वापस ले लिया गया था. फिलहाल पीपीएफ अभी भी छोटी बचत योजनाओं में सबसे ज्यादा ब्याज देने वाले योजनाओं में से एक है.
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