पब्लिक प्रोविडेंट फंड समेत अन्य छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव का इंतजार आज शुक्रवार को अंतत: समाप्त हो गया. वित्त मंत्रालय ने दूसरी तिमाही के लिए कुछ छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरा में 0.30 फीसदी तक बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है.
वित्त मंत्रालय का नोटिफिकेशन
स्मॉल सेविंग स्कीम (Small Savings Scheme) की ब्याज दरों पर वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) व्यापक परामर्श के बाद निर्णय लेता है. आम लोगों पर डाइरेक्ट असर डालने वाले इस फैसले के बारे में बाद में मंत्रालय नोटिफिकेशन (Finance Ministry Notification) जारी करता है. मंत्रालय ने ताजा नोटिफिकेशन में कहा कि कुछ छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला लिया गया है.
इस चार्ट में देखें सारे बदलाव:
इन डिपॉजिट पर होगा असर
वित्त मंत्रालय के इस फैसले का असर पहले से किसी स्कीम में किए गए जमा और पहली तिमाही के दौरान किए गए नए जमा पर होगा. इनके ऊपर जुलाई से सितंबर के लिए तय की गई ब्याज दरें लागू होंगी. सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान करीब 4.39 लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियां (Govt Securities) जारी की थी. इस वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) को पाटने के लिए सरकार छोटी बचत योजनाओं के अगेंस्ट 4.71 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की सरकारी प्रतिभूतियां (G-Sec) जारी करना चाहती है.
ऐसे तय होती हैं ब्याज दरें
छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें सरकारी प्रतिभूतियों की यील्ड पर निर्भर करती हैं. सरकार एस गोपीनाथ कमिटी की सिफारिशों के आधार पर 2016 से इसका पालन कर रही है. इस तरह देखें तो राष्ट्रीय बचत पत्र (National Savings Certificate / NSC), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund / PPF), किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra / KVP) सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samridhhi Account / SSA) जैसी छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज का सरकारी प्रतिभूतियों की यील्ड से सीधा संबंध होता है.
पहली तिमाही में हुआ था ये बदलाव
इससे पहले चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2023 के लिए सिर्फ एक छोट बचत योजना की ब्याज दरों में बदलाव किया गया था. तब सरकार ने 5 साल के राष्ट्रीय बचत पत्र पर ब्याज को 0.70 फीसदी बढ़ाकर 7.7 फीसदी कर दिया था. यह लगातार तीसरी तिमाही थी, जब किसी न किसी छोटी बचत योजना के ब्याज में बढ़ोतरी की गई थी. इस बदलाव से पहले तक सबसे ज्यादा 8.2 फीसदी तक का ब्याज वरिष्ठ नागरिक बचत योजनाओं पर मिल रहा था.
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