ड्राइविंग लाइसेंस पर लगी चिप में क्या जानकारी भरी होती है, इस वजह से है बेहद जरूरी
Smart Card Driving License: स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस में माइक्रोप्रॉसेसर चिप लगी होती है, जो इसे खास बनाता है. इसमें एन्क्रिप्टेड डेटा होने की वजह से इससे कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता.
Smart Card Driving License: दुनिया जैसे-जैसे डिजिटल होती जा रही है वैसे-वैसे पुरानी चीजों को अपग्रेड किया जा रहा है. जैसे कि ड्राइविंग लाइसेंस को भी अपग्रेड कर अब स्मार्ट बना दिया गया है. पुराना ड्राइविंग लाइसेंस एक नोटबुक या बुकलेट की तरह दिखता था, जबकि नया ड्राइविंग लाइसेंस डेबिड या क्रेडिट कार्ड की तरह दिखता है. इस कार्ड की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें माइक्रोप्रॉसेसर चिप लगी होती है. इसमें ड्राइवर से जुड़ी कई अहम जानकारी छिपी होती है. इसकी अहमियत पहचान पत्र से कम नहीं है और गाड़ी चलाते समय ड्राइविंग लाइसेंस का होना बेहद जरूरी है. इसके न होने की स्थिति में आप पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
माइक्रोचिप की डेटा से छेड़छाड़ नहीं आसान
इस बायोमेट्रिक डेटा में फिंगर प्रिंट, ब्लड ग्रुप और रेटीना स्कैन जैसी कई जानकारियां होती हैं. चेकिंग के दौरान इस चिप को स्कैन करते ही ड्राइवर से जुड़ी सारी जानकारी सामने आ जाती है. इस माइक्रोचिप में एन्क्रिप्टेड डेटा होता है. यानी कि इससे कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता है. स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले सारथी परिवहन वेबसाइट https://parivahan.gov.in/ पर जाएं और ऑनलाइन सर्विस ड्रॉप-डाउन मेन्यू से ड्राइविंग लाइसेंस सर्विस पर क्लिक करें. इसके बाद अपना राज्य और आरटीओ एरिया चुनें.
इस तरह से DL के लिए करें अप्लाई
अगर पहली बार ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई कर रहे हैं, तो न्यू ड्राइविंग लाइसेंस ऑप्शन पर क्लिक करें और अगर पहले से ही ड्राइविंग लाइसेंस है, तो इसे स्किप करें. इसके बाद अपनी सारी जानकारी भरें और आईडी प्रूफ, एज प्रूफ और निवास प्रमाण पत्र को स्कैन के जरिए अपलोड करें. डॉक्यूमेंट के बाद फोटो और सिग्नेचर को अपलोड करें. इसके बाद अगर जरूरी है तो डीएल टेस्ट स्लॉट बुक करें और फीस जमा कर दें. इसके बाद टेस्टिंग के लिए तय समयानुसार आरटीओ पर जाएं. टेस्ट में पास हो जाने पर डीएल पोस्ट के जरिए आपके घर तक पहुंचा दिया जाएगा.
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