SMS की स्क्रबिंग पॉलिसी लागू-ओटीपी न मिलने से बैंकिंग और ई-कॉमर्स सर्विस में अड़चन, ग्राहक परेशान
एसएमएस की स्क्रबिंग पॉलिसी लागू होने के बाद जिन कंपनियों ने अपनी पॉलिसी में बदलाव नहीं किए, उनके ओटीपी ग्राहकों को नहीं मिल पा रहे हैं.
एसएमएस में स्क्रबिंग पॉलिसी लागू होने से सोमवार को मोबाइल ट्रांजेक्शन में दिक्कतें आईं. इससे ई-कॉमर्स कंपनियों और बैंकों की ओर से ग्राहकों को ओटीपी नहीं भेजे जा सके. लिहाजा बड़ी तादाद में ट्रांजेक्शन नहीं हो पाया. ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर शिकायत करते हुए ट्वीट किए. दरअसल यह दिक्कत ट्राई की ओर से एसएमएस से जुड़ी नई गाइडलाइंस लागू करने से आई. इसे स्क्रबिंग पॉलिसी कहते हैं, जिसमें हर एसएमएस कंटेंट को भेजने से पहले वेरिफिकेशन प्रोसेस से गुजरना होता है. सोमवार को यह गाइडलाइंस लागू हो गई, इसकी वजह से गैर वेरिफाइड और गैर रजिस्टर्ड एसएमएस नहीं भेजे जा सके.
ओटीपी न मिलने से नहीं हो पा रहा फंड ट्रांसफर
लेकिन नए एसएमएस रेगुलेशन लागू होने से बड़ी तादाद में ओटीपी नहीं भेजे जा सके. बैंकों के पास शिकायतों का अंबार लग गया. जिन ग्राहकों को फंड ट्रांसफर करना था उन्हें ओटीपी नहीं मिल पाया इस वजह से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा. बैंकिंग सूत्रों का कहना है कि यह पॉलिसी ठीक से लागू नहीं गई इसलिए इस तरह की दिक्कतें आ रही हैं. वहीं ट्राई का कहना है कि इंटरनेट फ्रॉड से बचाव के लिए यह पॉलिसी अपनाई गई है. दरअसल टेली मार्केटिंग कंपनियां ग्राहकों को भेजी गई ओटीपी को बगैर मंजूरी दिए बगैर भी उनकी मंजूरी हासिल करती रही हैं. इससे ग्राहकों से धोखाधड़ी बढ़ती जा रही थी. इसे ही रोकने के लिए एसएमएस वेरिफिकेशन की नीति अपनाई गई. लेकिन इसके ठीक से काम न करने की वजह से ट्रांजेक्शन में दिक्कत आ रही है.
टेलीकॉम कंपनियोें ने दी थी कंपनियों को पहले ही सूचना
इस मुद्दे पर पर टेलीकॉम कंपनियों ने कहा था कि उन्होंने विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनियों और बैंकों से कहा था कि वे कंटेंट कंटम्पलेट का रजिस्ट्रेशन 7 मार्च तक पूरा कर लें. लेकिन कंपनियों ने इसे पूरा नहीं किया. इसलिए उनके ग्राहकों को ओटीपी नहीं भेजा जा सका. फिलहाल ग्राहकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अभी यह पता नहीं चल पाया है कि यह समस्या कब तक खत्म होगी.
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