Viral News: भारत के आर्थिक विकास को दिखाने के लिए Spain के अखबार ने लगाई सपेरे की फोटो, ट्विटर पर लोगों ने लगाई लताड़
Spanish अखबार ने भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी की खबर को पहले पन्ने पर जगह दी है. लिखा है कि ‘भारतीय अर्थव्यवस्था का फिलहाल ये हाल है.’ इस लेख को एक सपेरे के व्यंग्य के साथ प्रकाशित किया है.
Viral News Indian Economy : स्पेन के एक अखबार (Spanish Newspaper) ला वैनगार्डिया (La Vanguardia) ने पहले पन्ने पर भारत के आर्थिक विकास को लेकर ग्राफ लगाया है. इस ग्राफ के जरिए दिखाया गया है कि भारत की इकॉनमी ऊपर की तरफ जा रही है. लेकिन ग्राफ में जिस फोटो का इस्तेमाल हुआ है, उसे लेकर भारतीय काफी नाराज है. सोशल नेटवर्किंग साइट ट्वविटर (Twitter) पर लोग अपना गुस्सा निकाल रहे हैं.
ट्विटर पर फूटा गुस्सा
"The hour of the Indian economy," says La Vanguardia, a leading Spanish daily.
— Nithin Kamath (@Nithin0dha) October 13, 2022
Quite cool that the world is taking notice, but the cultural caricaturing, a snake charmer to represent India, is an insult.
Wonder what it takes for this to stop; maybe global Indian products? pic.twitter.com/YY3ribZIaq
स्पेन के अखबार ने भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी की खबर को पहले पन्ने पर जगह दी है. लिखा है कि ‘भारतीय अर्थव्यवस्था का फिलहाल ये हाल है.’ इस लेख को एक सपेरे के व्यंग्य के साथ प्रकाशित किया है. ज़ेरोधा के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितिन कामथ ( Zerodha Chief Executive Officer Nithin Kamath) ने इसे अपने ट्विटर पर शेयर किया है. उन्होंने लिखा है, ‘काफी अच्छा है कि दुनिया हमारी इकॉनमी को नोटिस कर रही है. लेकिन जिस तरह से एक ग्राफ में सपेरे को दिखाया गया है वो एक अपमान है. इसे रोकने के लिए क्या करना पड़ेगा है. शायद वैश्विक भारतीय उत्पाद?
सांसद पीसी मोहन ने बताया, मूर्खता है
"The hour of the Indian economy" is the top story of a #Spanish weekly.
— P C Mohan (@PCMohanMP) October 13, 2022
While #India's strong economy gets global recognition, portraying our image as snake charmers even after decades of independence is sheer stupidity.
Decolonising the foreign mindset is a complex endeavour. pic.twitter.com/pdXvF7n4N7
बेंगलुरु सेंट्रल से भाजपा के लोकसभा सांसद पीसी मोहन (BJP Lok Sabha MP PC Mohan) ने ट्विटर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि एक स्पेनिश साप्ताहिक की शीर्ष कहानी “भारतीय अर्थव्यवस्था का समय” है. जबकि भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था को वैश्विक मान्यता मिलती है, आजादी के दशकों के बाद भी हमारी छवि को सपेरों के रूप में चित्रित करना सरासर मूर्खता है. विदेशी मानसिकता को खत्म करना एक जटिल प्रयास है.
ट्विटर पर छिड़ी बहस
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने ट्विटर पर बहस शुरू कर दी है. आपको बता दें कि एक यूजर लिख रहा है कि, “कितने बेशर्म हैं.. वे जो कुछ भी प्रोजेक्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, भारत विकसित होगा और पश्चिमी कटाक्ष के बावजूद समृद्ध होगा.” एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, “कोई फर्क नहीं पड़ता. वे हमारे बारे में क्या सोचते हैं, हम ऊपर उठेंगे. वही तीसरे यूजर ने लिखा है कि, पश्चिमी लोगों को भारतीय संस्कृति का बहुत सीमित ज्ञान है. बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था और सतत विकास पश्चिमी लोगों को रूढ़ियों से परे देखने के लिए प्रेरित करेगा. तब तक मजाक का आनंद लें.”
मंदी आने के आसार
आपको बता दे कि अगले साल 2023 में विश्व के कई विकसित देशों में मंदी आने के आसार है. भारत में भी इसका कुछ न कुछ असर जरूर पड़ेगा. कई एक्सपर्ट का कहना है कि आर्थिक मोर्चे पर फिलहाल भारत की स्थिति काफी मजबूत है. पूरी दुनिया में इस वक्त भारत के आर्थिक तेज़ी की चर्चा कर रही है.
दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने गुरुवार को भारत के आर्थिक विकास की सराहना की है. उन्होंने बताया कि 2022 में भारत की आर्थिक वृद्धि को 6.1 प्रतिशत पर अनुमानित किया, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है.
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