भारत में सोलर बिजली की दर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है. हाल में सोलर एनर्जी पैदा करने वाली छह कंपनियों ने अपनी बोली में 2.36 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बेचने का प्रस्ताव किया है. इनमें पाच कंपनियां विदेशी हैं. ये मिलकर 2000 मेगावाट तक बिजली पैदा करेंगी. बोली में सफल होने वाली एक मात्र कंपनी री-न्यू भारतीय कंपनी है.
अब तक सोलर एनर्जी की न्यूनतम टैरिफ 2.44 रुपये प्रति यूनिट थी. मई 2027 में सोलर कॉरपोरेशन इंडिया के एक टेंडर में 2.44 रुपये प्रति यूनिट की बोली लगाई गई थी.
छह कंपनियों ने 2000 मेगावाट सोलर बिजली के लिए लगाई बोली
ताजा बोली के मुताबिक स्पेन की कंपनी सोलरपैक ने 300 मेगावाट बिजली बनाने का ठेका हासिल किया है. कंपनी ने 2.36 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बनाने को बोली लगाई है. इटली की कंपनी एनल ग्रीन 300 मेगावाट सोलर एनर्जी 2.37 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बनाएगी. भारतीय कंपनी रीन्यू पावर 400 मेगावाट बिजली 2.38 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बनाएगी.
सोलर उपकरण सस्ते हुए
दरअसल कोविड-19 की वजह से पैदा मंदी में सोलर इक्विपमेंट के दाम काफी घट गए हैं. इसलिए कंपनियों के लिए सोलर एनर्जी के उत्पादन में काफी कम लागत आ रही है. हालांकि भारत में परियोजना डेवलपर बिजली की मांग में कमी को लेकर चिंतित हैं. साथ ही वे बिजली परियोजनाओं की बोली लगाने की धीमी प्रक्रिया पर चिंता जता रहे हैं.
इस बीच केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि सार्वजनिक सोलर पावर प्रोजेक्ट के लिए चीन से आयातित सोलर मॉड्यूल और दूसरे उपकरणों को बेसिक कस्टम ड्यूटी से छूट दी जाएगी. लेकिन यह छूट उन्हीं सोलर पावर परियोजनाओं में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों पर मिलेगी, जिनमें पावर परचेज एग्रीमेंट केंद्र सरकार की ओर से ड्यूटी लगाए जाने के ऐलान से पहले हो गया था.