नई दिल्लीः आजकल प्रॉपर्टी खरीदने के लिए मध्य वर्ग के बीच लोन लेने का चलन काफी बढ़ता जा रहा है और इसके साथ ही इससे जुड़ी दिक्कतों से भी ग्राहकों को दो-चार होना पड़ता है. हालांकि यहां पर आप जान सकते हैं कि लोन लेते समय आप किन सावधानियों को बरतें जिससे आपका लिया हुआ लोन आपके लिए बोझ न बन जाए.
रिटायरमेंट के बाद चाहते हैं अच्छा रिटर्न तो इन स्कीम्स में करें निवेश
- अगर आप प्रॉपर्टी लोन ले रहे हैं तो संपत्ति की 60 फीसदी वैल्यू तक आपको लोन मिल सकता है लेकिन कुछ बैंक और फाइनेंस कंपनियां आपको इससे ज्यादा वैल्यू यानी 70-80 फीसदी तक भी लोन दे सकती हैं.
- कुछ लैंडर आपको ओवरड्राफ्ट की सुविधा देते हैं जिससे आपको ये सुविधा मिलती है कि जितनी आपने रकम खर्च की है उतनी ही पेमेंट करनी होती है.
- ज्यादातर प्रॉपर्टी लोन 15 साल से ज्यादा की अवधि के लिए होते हैं तो आप ये कोशिश करें कि 15 साल से कुछ ही साल ज्यादा आपके लोन का टेन्योर बने जिससे आप बहुत लंबे समय तक कर्ज के जाल में न फंसे रहें.
- अगर आपने प्रॉपर्टी लोन लिया हुआ है तो इसके साथ उस लोन के ऊपर इंश्योरेंस जरूर लें जिससे कि आपको कुछ होने की सूरत में संपत्ति जब्त न हो और आपका इंश्योरेर प्रॉपर्टी का लोन दे सके. इसके लिए बाजार में प्लान मौजूद हैं और आपके पास कई अच्छे विकल्प आ सकते हैं.
- प्रॉपर्टी लोन लेते समय केवल ब्याज दरों पर ध्यान न दें क्योंकि इसके अलावा भी कई कारक होते हैं जिन पर आपको लोन लेने का फैसला करना चाहिए.
- इंटरेस्ट रेट की बजाए इस बात भी ध्यान दें कि बैंक के प्री-पेमेंट फीस, फोर-क्लोजर फीस, देरी से लगने वाले पेनल्टी आदि कैसे हैं और आपके हित में हैं या नहीं.
- लोन लेने पर इंटरेस्ट रेट नौकरीपेश और कारोबारियों के लिए अलग-अलग होती है तो इस बात का अच्छी तरह ध्यान रखें
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