नई दिल्लीः पेट्रोल और डीजल के लिए जल्द ही आपको पेट्रोल पम्प पर जाने की जरुरत नहीं होगी. तेल मंत्रालय ने कुछ ऐसे ही संकेत दिए हैं.


तेल मंत्रालय ने ट्विटर पर जानकारी दी कि है कि पहले से पेट्रोलियम उत्पादों के ग्राहकों के घऱ तक पहुंचाने के विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. ये देखा जा रहा है कि ये किन जगहों पर मुमकिन है. ये सुविधा पहले से बुकिंग कराने की सूरत में मिलेगी. अभी पेट्रोलियम उत्पादों में रसोई गैस सिलिंडर की होम डिलीवरी होती है जबकि कई शहरों में बगैर सब्सिडी वाला केरोसीन तेल भी ग्राहकों के दरवाजे पर पहुंचाया जाता है.


तेल मंत्रालय का ये भी कहना है कि तेल उत्पादों की होम डिलीवरी से ग्राहकों को पेट्रोल पम्प की लंबी कतारों से बचाया जा सकेगा. साथ ही समय भी बचेगा. इस समय देश भर में 59 हजार 595 पेट्रोल पम्प हैं जहां पर पेट्रोल और डीजल तो बिकते ही हैं, कई पर सीएनजी और कुछ पर ऑटो में इस्तेमाल होने वाला एलपीजी भी बेचे जाते हैं. हालांकि इस बात का कोई अध्ययन तो नहीं किया गया है कि गाड़ी में पेट्रोल या डीजल भरवाने में औसतन कितना वक्त लगता है और इसमें किस तरह से कमी की जा सकती है, लेकिन विशेष मौकों पर जैसे शाम को या फिर महीने की 15 और 31 तारीख को ज्यादा भीड़ लगती है. ये 2 ऐसे तारीख हैं जब पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमत में तेल कंपनियां फेरबदल करती हैं.


सरकारी आंकड़े बताते है कि देश में हर रोज 4.5 करोड़ लोग पेट्रोल या डीजल खरीदते हैं. हर दिन करीब 1800 करोड़ रुपये कीमत की इन इंधन की बिक्री होती है.


पेट्रोल-डीजल की होम डिलीवरी का एक मकसद, देश में डिजिटल पेमेंट को भी बढ़ावा देना है. नोटबंदी के पहले करीब 20 फीसदी बिक्री डिजिटल माध्यमों के जरिए होती थी जो अब 50 फीसदी से भी ऊपर पहुंच चुकी है.