नई दिल्ली: दुनिया के कई देशों की तरह अब भारत में भी जल्द ही प्लास्टिक के नोट चलने लगेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को 10 रुपये कीमत के प्लास्टिक नोट छापने के फील्ड परीक्षण (ट्रायल) के लिए ऑथराइज्ड किया गया है. ये नोट लंबे समय तक खराब नहीं होंगे. संसद को शुक्रवार को यह जानकारी दी गई. वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जबाव में कहा, "प्लास्टिक के सब्स्ट्रेट की सरकारी खरीद और 10 रुपये के प्लास्टिक के नोट की छपाई की मंजूरी आरबीआई को दे दी गई है. मेघवाल के अनुसार देश में सरकार ने पांच जगहों पर प्लास्टिक बैंक नोट्स का फील्ड ट्रायल करने का फैसला लिया है. मंत्री के अनुसार कोच्चि, मैसूर, जयपुर, शिमला और भुवनेश्वर का चयन फील्ड ट्रायल के लिए किया गया है."


सब्सट्रेट उस अंदर की परत को कहते हैं, जिस पर नोट की छपाई होती है. कॉटन सब्सट्रैट बैंक नोट्स के मुकाबले प्लास्टिक नोट्स की लाइफ अधिक होती है. इस नोट को बाजार में उतारने के लिए सरकार की ओर से प्लास्टिक सब्सट्रैट खरीदे जाने की मंजूरी दे दी गयी है. सरकार इन प्लास्टिक नोटों की जांच भी कराएगी. आपको बता दें कि सबसे पहले सरकार ने साल 2014 फरवरी में प्लास्टिक नोटों के फील्ड ट्रायल को मंजूरी दी थी. इस बार जो 5 जगहें चुनी गई हैं उन्हें भौगोलिक और जलवायु विविधता यानी डाइवर्सिफाइड क्लाइमेट के आधार पर चुनी गई हैं ताकि अलग-अलग मौसम, वातावरण में नोटों की टेस्टिंग हो सके.


क्या खासियत है प्लास्टिक को नोटों की?

  • इन नोटों की सबसे बड़ी खास बात ये है कि इनकी उम्र कम से कम 5 साल होती है और इनके कटने, फटने, गलने, रंग उड़ने का डर नहीं होता है. सरकार ने भी ये कहा है कि ये नोट लंबे समय तक चलेंगे.

  • इन नोटों की नकल करना साधारण नोटों के मुकाबले काफी मुश्किल होता है और इससे नकली नोटों पर काफी हद तक लगाम लग सकेगी.

  • कागज के नोटों के मुकाबले प्लास्टिक नोट ज्यादा साफ होते हैं, चमकीले, आकर्षक और टिकाऊ होते हैं.

  • प्लास्टिक करंसी के इस्तेमाल से कागज के नोटों को छापने में लगने वाला कच्चे माल जैसे पेड़, पानी और ऊर्जा की बचत होती है.

  • ये एनवायरमेंट फ्रेंडली होते हैं और री-साईकिल भी किए जा सकते हैं.


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सबसे पहले प्लास्टिक नोट्स ऑस्ट्रेलिया में लाए गए थे जिसके बाद फिलहाल दुनिया भर के 30 देशों में प्लास्टिक करेंसी चल रही है. ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, कनाडा, इंडोनेशिया के साथ-साथ हाल में ही ब्रिटेन में भी प्‍लास्टिक नोट का चलन शुरू हो गया है.