Sovereign Wealth Funds Investing In India: सॉवरेन वेल्थ फंड (Sovereign Wealth Fund) और पब्लिक पेंशन फंड (Public Pension Fund) से जुड़ी अच्छी खबर सामने आ रही हैं. बताया जा रहा हैं कि इस तरह के फंड में निवेश के लिए ये साल 2022 काफी अच्छा रहा हैं. निवेशकों के लिए अमेरिका के बाद भारत दूसरा सबसे पसंदीदा बाजार बन गया है.


निवेश में काफी तेजी 
एसेट मैनेजर इनवेस्को (Invesco) की रिपोर्ट के अनुसार, इस समय सॉवरेन फंडों का एयूएम (AUM) करीब 33 ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 33 लाख करोड़ रुपए रहा है. इन सॉवरेन फंडों की तरफ से प्राइवेट बैंकों में किए जाने वाले निवेश में काफी तेज बढ़त देखने को मिली है. लेकिन ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी के साथ फिक्सड इनकम में होने वाली बढ़त के चलते इस निवेश में सुस्ती आ सकती है.


निवेशकों का जोरदार निवेश 
सॉवरेन निवेशकों के लिए अमेरिका मार्केट पहली पसंद रहा है. इस बारे में इन्वेस्को के हेड ऑफ ऑफीसियल इंस्टीट्यूशन रॉड रिंगरो (Rod Ringrow) का कहना है कि पिछले 10 सालों के दौरान सॉवरेन निवेशकों ने शानदार निवेश किया है. इसमें ग्लोबल वित्तीय संकट के बाद बाजार में आई तेजी के माहौल का अहम योगदान रहा हैं. 


इतना रहा रिटर्न 
इन्वेस्को के अनुसार, पिछले 10 सालों में सॉवरेन निवेशकों का सालाना औसत रिटर्न 6.5 फीसदी रहा है. सॉवरेन वेल्थ फंडों के पिछले 10 साल में सालाना औसत रिटर्न 10 फीसदी तक रहा है. उच्च महंगाई दर और कठोर मौद्रिक नीतियों के चलते 2022 में लॉन्ग टर्म के अनुमानित रिटर्न को झटका लग सकता है. ऐसे में सॉवरेन निवेशकों के लिए 2022 एक टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकता है.


भारत ने पछाड़ा चीन 
भारत ने विकासशील देशों में चीन को पछाड़ते हुए सॉवरेन निवेशकों के सबसे पसंदीदा बाजार का दर्जा हासिल किया है. सॉवरेन निवेशकों की पसंद की सूची में भारत 2014 के 9 वें पायदान से उछल कर दूसरे पायदान पर आ गया है. वहीं चीन 6वें नंबर पर है. इन्वेस्को की स्टडी से पता चला कि पिछले दशक में सॉवरेन वेल्थ फंड्स के गठन में भी लगातार बढ़त देखने को मिली है. जिनमें करीब एक दर्जन फंड अफ्रीका में स्थापित किए गए हैं. इनमें से 11 के पास स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने का स्ट्रटीजिक मैंडेट है.


 


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