Edible Oil Price: सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन सहित इन तेलों में दिखी तेजी, जानें क्या है वजह
Edible Oil: सूरजमुखी और सोयाबीन के साथ सरसों के तेल तिलहन के दाम भी बढ़ गए है.
Edible Oil Prices In India: देशभर में त्योहारी सीजन चल रहा है. ऐसे में सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन (Mustard Oil - Oil Seeds, Soybean) सहित इन तेलों के दामों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. सोयाबीन (Soybean) और सूरजमुखी (Sunflower) तेल के सालाना 20-20 लाख टन के शुल्क-मुक्त आयात की छूट दिए जाने के बाद बाजार में सप्लाई कम होने से दाम बढ़ गए है, जिससे मंहगाई की स्थिति पैदा हो गई है. बताया जा रहा है कि सूरजमुखी और सोयाबीन के साथ सरसों के तेल तिलहन के दाम भी बढ़ गए है.
बाजार बंद बनी वजह
गुजरात में बाजार सप्ताह भर से बंद रहने की वजह से तेल की मांग प्रभावित हुई है. इसके कारण मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में गिरावट आई है. वहीं बाकी तेल तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए. वहीं शिकागो एक्सचेंज शुक्रवार को लगभग 2 फीसदी की तेजी के साथ बंद हुआ था.
इन तेलों में दिखी तेजी
सरकार के शुल्क मुक्त खाद्य तेलों के आयात का कोटा निर्धारित करने के फैसले के बाद बाकी आयातकों ने नए सौदे खरीदने से हाथ खींच लिए है. निर्धारित कोटा से अलग आयात करने पर इनको आयात शुल्क देने के बाद उनका महंगा तेल बाजार में खपना होगा. बाजार भाव सस्ते आयातित तेलों के हिसाब से तय हो रही है. ऐसे में नए सौदे नहीं होने से बाजार में शॉर्ट सप्लाई की स्थिति बन गई है. इसके कारण सोयाबीन, सरसों तेल तिलहन के अलावा सूरजमुखी तेल कीमतों में बढ़त देखी जा रही है.
ये है सबसे बड़ी दिक्कत
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के शुल्क मुक्त आयात का कोटा निर्धारित करने से शार्ट सप्लाई की दिक्कत पैदा हो गई है. इससे उपभोक्ताओं को सस्ता तेल मिलने के बजाय और महंगे दाम पर खरीदना पड़ रहा है. सरकार को खुले आयात की छूट देनी चाहिए या पहले की तरह आयात शुल्क लगा देना चाहिए. इन दोनों ही स्थिति में देश में पर्याप्त आयात होगा और प्रतिस्पर्धा के कारण उपभोक्ताओं को भी कम कीमत अदा करनी होगी. उपभोक्ताओं को सूरजमुखी तेल थोक में लगभग 25 रुपये किलो और खुदरा में 40-50 रुपये किलो अधिक दाम पर खरीदना पड़ रहा है.
महंगे दाम पर हुई खरीदी
देश के प्रमुख तेल उद्योग संगठन ने सरकार को जानकारी दी है कि उन्होंने 2-3 माह पहले 2,150 डॉलर प्रति टन के भाव पर सीपीओ आयात कर रखा था. इसका अब आयात भाव 900 डॉलर प्रति टन रह गया है. आयातकों को महंगे दाम पर खरीदे तेल के लिए बैंकों को कर्ज और उसके ब्याज का भुगतान करना पड़ रहा है. विदेशों में सोयाबीन तेल खली की निर्यात मांग बढ़ने के कारण सोयाबीन तेल तिलहन कीमतों में सुधार आया है.
तेल-तिलहनों के भाव
सरसों तिलहन - 7,100-7,125 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल.
मूंगफली - 6,870-6,935 रुपये प्रति क्विंटल.
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 16,000 रुपये प्रति क्विंटल.
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,560-2,820 रुपये प्रति टिन.
सरसों तेल दादरी- 14,700 रुपये प्रति क्विंटल.
सरसों पक्की घानी- 2,250-2,380 रुपये प्रति टिन.
सरसों कच्ची घानी- 2,320-2,435 रुपये प्रति टिन.
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,800-20,500 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,200 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,000 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,650 रुपये प्रति क्विंटल.
सीपीओ एक्स-कांडला- 9,100 रुपये प्रति क्विंटल.
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल.
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,700 रुपये प्रति क्विंटल.
पामोलिन एक्स- कांडला- 9,800 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल.
सोयाबीन दाना - 5,300-5,350 रुपये प्रति क्विंटल.
सोयाबीन लूज 5,100-5,150 रुपये प्रति क्विंटल.
मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल.
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