SP ग्रुप का टाटा संस से निकलना, TCS के शेयरों में निवेश का अच्छा मौका
एसपी ग्रुप की हिस्सेदारी खरीदने के लिए टाटा ग्रुप को बड़ी मात्रा में कैश की जरूरत पड़ेगी, इससे इसके शेयरों में गिरावट तय है. लिहाजा यह सही समय है टाटा संस में निवेश का.
शापूरजी-पलोनजी यानी SP ग्रुप ने मंगलवार को कहा था कि वह टाटा समूह से अलग होना चाहता है. इसका असर भी बुधवा को टीसीएस के शेयर पर दिखा. एसपी ग्रुप के इस ऐलान के बाद बुधवार को इसके शेयरों में 2.2 फीसदी की गिरावट आ गई थी और ये गिर कर 2467.15 रुपये पर पहुंच गए थे.टीसीएस टाटा समूह की सबसे बड़ी कंपनी है.
टीसीएस के शेयरों में गिरावट निवेश के लिए अच्छा मौका
एसपी ग्रुप की टाटा सन्स में 18.4 फीसदी हिस्सेदारी है और यह इससे 1.78 लाख रुपये वापस मांग सकता है. टाटा संस की टीसीएस में 72 फीसदी हिस्सेदारी है. टाटा ग्रुप की सभी होल्डिंग कंपनियों में टाटा सन्स की हिस्सेदारी 7.65 लाख करोड़ रुपये की है. हालांकि टाटा ग्रुप ने कोर्ट में एफिडेविट देकर यह कहा है कि यह टाटा सन्स में एसपी ग्रुप की हिस्सेदारी खरीद लेगा.
टीसीएस, टाटा ग्रुप की सबसे कमाऊ कंपनी
विश्लेषकों का मानना है कि एसपी ग्रुप की हिस्सेदारी खरीदने के लिए टाटा ग्रुप को बड़ी मात्रा में कैश की जरूरत पड़ेगी, इससे इसके शेयरों में गिरावट तय है. लिहाजा यह सही समय है टाटा संस में निवेश का. दरअसल टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों में टीसीएस ही सबसे ज्यादा रकम कमा कर दे रही है. टाटा ग्रुप का स्टील, वाहन और एयरलाइंस कारोबार की स्थिति ठीक नहीं है. पिछले छह महीनों में इसका सेंसेक्स की तुलना में 48 फीसदी बढ़ा है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि टीसीएस के शेयरों में अभी भी काफी संभावना है. पिछले कुछ वक्त में आर्थिक अनिश्चितताओं को दरकिनार करते हुए टाटा सन्स ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है और इसका फायदा उसे दिखा है. कंपनी के शेयरों में मजबूती बनी हुई है. लिहाजा अगर एसपी ग्रुप के निकलने से टीसीएस के शेयरों में गिरावट आती है तो यह इसमें निवेश के लिए अच्छा मौका हो सकता है.
रूरल मार्केट में भी अब जियो सबसे आगे, वोडाफोन-आइडिया का वर्चस्व तोड़ा
छोटे व्यापारियों के लिए आई मुश्किल की घड़ी, मोराटोरियम खत्म होने पर कर्ज चुकाने का आया समय