वित्तीय संकटों से जूझ रही विमानन कंपनी स्पाइसजेट की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. विमानन नियामक डीजीसीए ने कंपनी के ऊपर सर्विलांस को और सख्त करने का निर्णय लिया है. इस बीच कंपनी ने अपने 150 स्टाफ को बिना वेतन की छुट्टी पर भेज दिया है.
3 महीने तक नहीं मिलेगी कोई सैलरी
स्पाइसजेट ने जिन 150 कर्मचारियों को फर्लो पर भेजा है, वे केबिन क्रू मेंबर हैं. किसी कर्मचारी को फर्लो पर भेजने का मतलब होता है कि उसे बिना वेतन की छुट्टी दी गई है. अभी प्रभावित कर्मचारियों को 3 महीने के लिए फर्लो पर भेजा गया है. यानी स्पाइसजेट के उन प्रभावित 150 क्रू मेंबर को अगले 3 महीने तक न तो कोई काम मिलने वाला है और न ही उन्हें कोई सैलरी मिलने वाली है.
सिर्फ 22 विमानों के साथ चल रहा काम
विमानन कंपनी का कहना है कि उसने खराब वित्तीय स्थिति के चलते यह फैसला लिया है. कंपनी आर्थिक परेशानियों के मद्देनजर पहले से खर्च को कम करने के विभिन्न उपायों पर काम कर रही है. उसके चलते कंपनी ने उड़ान भर रहे विमानों की संख्या कम कर दी है. अभी स्पाइसजेट सिर्फ 22 विमानों के बेड़े के साथ परिचालन कर रही है.
कंपनी के प्रवक्ता ने दी ये जानकारी
कंपनी के एक प्रवक्ता ने हालिया निर्णय के बारे में बताया- स्पाइसजेट ने तात्कालिक तौर पर 150 केबिन क्रू मेंबर्स को 3 महीने के लिए फर्लो पर डालने का मुश्किल निर्णय लिया है. यह निर्णय ट्रैवल सीजन की मौजूदा नरमी, विमानों के बेड़े के छोटे साइज और कंपनी की लंबे समय की स्थिरता को ध्यान में रखकर लिया गया है. प्रवक्ता ने कहा कि फर्लो पीरियड के दौरान प्रभावित कर्मचारियों को सभी हेल्थ बेनेफिट्स मिलते रहेंगे और उनके अर्न्ड लीव पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
डीजीसीए और हाई कोर्ट ने दिया ये झटका
दूसरी ओर विमानन नियामक ने भी बजट एयरलाइन की मुश्किलें बढ़ा दी है. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी डीजीसीए ने स्पाइसजेट को व्यापक सर्विलांस के दायरे में डालने का निर्णय लिया है. कंपनी को अदालत में भी झटका लगा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पाइसजेट को 3 इंजन ग्राउंट करने और 15 दिनों के भीतर लीज पर देने वाली कंपनियों (लेजर्स) को लौटाने का आदेश सुनाया है. कोर्ट ने लेजर्स का बकाया चुकाने में बार-बार असफल रहने के चलते स्पाइसजेट की खिंचाई भी की है.
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