विमानन कंपनी स्पाइसजेट के कर्मचारियों को त्योहारों के मौसम में बड़ी राहत मिलने जा रही है. संकट में फंसी कंपनी ने पैसों का प्रबंध कर लिया है और अब रिवाइवल की उड़ान भरने वाली है. कंपनी उसकी शुरुआत कर्मचारियों के अटके पैसों का भुगतान करने के साथ कर रही है.
दरअसल स्पाइसजेट लंबे समय से संकट में फंसी हुई थी. कंपनी का संकट आज से 5-6 साल पहले ही शुरू हो गया था, लेकिन हालिया महीनों में संकट पहाड़ बनकर उसके सामने खड़ा हो गया. उसके चलते कंपनी बंद होने की कगार पर पहुंच गई. कंपनी अपने कर्मचारियों को सैलरी तक देने में असमर्थ हो गई थी.
स्पाइसजेट को मिले 3 हजार करोड़
हालांकि अब स्पाइसजेट की दिक्कतें दूर होने वाली है. कंपनी को निवेशकों से 3 हजार करोड़ रुपये का फंड मिला है. कंपनी के निवेशकों में म्यूचुअल फंड भी शामिल हैं. अब कंपनी इस पैसे का इस्तेमाल कर खुद को रिवाइव करना चाहती है. रिवाइवल की योजना के तहत कंपनी ने 2026 के अंत तक कम से कम 100 विमानों का बेड़ा तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
अगले महीने तक क्लियर होंगे सारे बकाए
कंपनी के सीएमडी अजय सिंह के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले महीने के अंत तक कर्मचारियों के सारे बकाए का भुगतान कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सैलरी व पीएफ समेत कर्मचारियों के सभी बकाए को अक्टूबर के अंत तक क्लियर करने का लक्ष्य रखा गया है. उसके साथ ही कंपनी की योजना 30 खड़े विमानों को वापस परिचालन में लाने, ऑन टाइम परफॉर्मेंस को बेहती बनाने, विधायी बकायों का भुगतन करने और उडानों की संख्या बढ़ाने की है.
2 साल से नहीं हुआ टीडीएस-पीएफ का पेमेंट
स्पाइसजेट को सबसे पहले मार्च 2019 में 737 मैक्स विमानों की ग्राउंडिंग के चलते परेशान होना पड़ा था. उसके बाद 2020 में कोविड ने परेशानियां और बढ़ा दी. कंपनी का संकट इस कदर बढ़ गया था कि उसके ऊपर बकाए बढ़ते जा रहे थे. कंपनी दो साल से ज्यादा समय से अपने कर्मचारियों के टीडीएस और पीएफ तक का भुगतान नहीं कर पाई थी. दूसरी ओर लेसर्स (लीज पर विमान देने वालों) के साथ बकाए के भुगतान को लेकर स्पाइसजेट को मुकदमों का सामना करना पड़ रहा था.
ये भी पढ़ें: बढ़ गईं स्पाइसजेट की मुश्किलें, डीजीसीए ने बढ़ाया सर्विलांस, बिना वेतन छुट्टी पर भेजे गए 150 क्रू-मेंबर