SpiceJet Hikes Airfare: घरेलू एयरलाइंस स्पाइसजेट (SpiceJet) ने हवाई किराया ( Air Fare) महंगा ( Costly) कर दिया है. एटीएफ ( Air Turbie Fuel) के दामों में बढ़ोतरी के बाद एयरलाइंस ने ये फैसला लिया है. स्पाईसजेट के चेयरमैन और एमडी अजय सिंह ने कहा है कि महंगे एटीएफ और डॉलर ( Dollar) के मुकाबले रुपये में गिरावट ( Weak Rupee) के चलते उनके पास हवाई किराया महंगा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है क्यों इससे ऑपरेशन की लागत पर असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कि जून 2021 से लेकर अब तक हवाई ईंधन के दामों में 120 फीसदी का इजाफा हो चुका है. अजय सिंह ने केंद्र और राज्य सरकार से एटीएफ पर टैक्स घटाने की मांग की है. माना जा रहा है कि स्पाइसजेट के इस फैसले के बाद दूसरे एयरलाइंस भी हवाई किराये में बढ़ोतरी का फैसला ले सकते हैं.
महंगे एटीएफ का असर
दरअसल 16 जून यानि आज से हवाई ईंधन जिसे एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) कहते हैं के दाम में एक बार फिर इजाफा हो गया है. आज एटीएफ के दाम में 16.3 फीसदी की बढ़ोतरी हो गए है. इसमें 1.41 रुपये प्रति किलोलीटर यानी 123.03 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है. एटीएफ की कीमतों में एकसाथ ही 16.3 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद ये अब तक के सबसे उच्च स्तर पर आ गए हैं. आज से दिल्ली में एटीएफ के रेट बढ़कर 141232.87 रुपये प्रति किलोलीटर पर आ गए हैं और ये दिल्ली के लिए बड़ी बढ़ोतरी है. एटीएफ का एयरलाइंस की कुल लागत में करीब 40 फीसदी हिस्सा होता है और इसके बढ़ने से एयरलाइंस की लागत भी बढ़ती हैं. जेट फ्यूल या एटीएफ इस साल अपने अभी तक के रिकॉर्ड लेवल पर आ गई हैं. 1 जून, 2022 को छोड़कर साल 2022 के हरेक पखवाड़े (15वें दिन) में जेट फ्यूल के दामों में इजाफा हुआ है.
एविएशन इंडस्ट्री पर महंगे हवाई ईंधन की मार
महंगे केच्चे तेल के चलते हवाई ईंधन के दामों में बीते चार महीनों में जबरदस्त उछाल आया है. जिसका खामियाजा देश के एविएशन इंडस्ट्री को उठाना पड़ सकता है. महंगे हवाई ईंधन के चलते एयरलाइंस किराया बढ़ा रहे हैं जिसका असर हवाई सफर करने वाले यात्रियों की संख्या पर पड़ रहा है. रेटिंग एजेंसी ICRA ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एटीएफ के बढ़ती कीमतों का असर देश के एविएशन इंडस्ट्री के रिकवरी पर पड़ सकता है.
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