SpiceJet Financial Crisis: भारतीय विमानन सेक्टर की अग्रणी कंपनी स्पाइस जेट (SpiceJet) का आर्थिक संकट और ज्यादा गहरा चुका है. कंपनी अपने कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड भी भर नहीं पा रही है. ईपीएफओ (EPFO) के अनुसार, स्पाइस जेट ने आखिरी बार जनवरी, 2022 में अपने 11,581 कर्मचारियों का पीएफ भरा था. इसके बाद से वह लगातार ढाई साल से पीएफ भरने से चूक रही है. इस मामले को लेकर ईपीएफओ की ओर से एयरलाइन को नोटिस जारी किए गए हैं. हालांकि, स्पाइस जेट ने अभी तक इन नोटिस का जवाब नहीं दिया है.
इस साल स्पाइस जेट के शेयर लगभग 7.6 फीसदी नीचे आए
सीएनबीसी टीवी 18 की रिपोर्ट के अनुसार, स्पाइस जेट एयरलाइन भारी आर्थिक दबाव में है. यह कर्मचारियों का पीएफ जमा करने से लगातार चूक रही है. आर्थिक संकट का असर एयरलाइन के शेयरों पर भी दिखाई दे रहा है. इस साल स्पाइस जेट के शेयर लगभग 7.6 फीसदी नीचे आ चुके हैं. हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इनमें लगभग 86 फीसदी की तेजी भी दर्ज की गई है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्पाइस जेट न सिर्फ कर्मचारियों का पीएफ रोके हुए है बल्कि सैलरी भी समय से नहीं चुका पा रही है. कंपनी कैश संकट में भी फंसती जा रही है.
स्पाइस जेट को विमानों की लीज नहीं बढ़ाना चाहती कंपनियां
इसके अलावा स्पाइसजेट फिलहाल एयरक्राफ्ट लीज करने वाली कंपनियों के साथ मुकदमेबाजी में भी भी फंसी हुई है. इनमें से कुछ स्पाइस जेट को विमानों की लीज नहीं बढ़ाना चाहते हैं. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने 18 अप्रैल को विमान लीज करने वालों द्वारा दायर तीन दिवालिया याचिकाओं के जवाब में स्पाइस जेट एयरलाइन को नोटिस भी जारी किया था. इसमें कुल 77 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट का हवाला दिया गया था.
केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन ने मांगा 1,323 करोड़ रुपये का हर्जाना
इसके साथ ही केएएल एयरवेज (KAL Airways) और कलानिधि मारन (Kalanithi Maran) ने भी स्पाइस जेट और अजय सिंह (Ajay Singh) से लगभग 1,323 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. यह विवाद फरवरी, 2015 का है, जब मारन और उनके केएएल एयरवेज ने स्पाइसजेट में अपनी 58.46 फीसदी हिस्सेदारी अजय सिंह को ट्रांसफर कर दी थी. वह एयरलाइन की लगभग 1,500 करोड़ रुपये की देनदारियां लेने के लिए सहमत हुए थे. मारन और केएएल एयरवेज का आरोप है कि उन्होंने स्पाइसजेट को वारंट और तरजीही शेयर जारी करने के लिए 679 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो कभी आवंटित नहीं किए गए थे. इसके चलते मारन ने स्पाइसजेट और सिंह के खिलाफ मध्यस्थता की कार्यवाही शुरू की है.
ये भी पढ़ें
Gold Heist: ऐतिहासिक चोरी का गोल्ड भारत पहुंचा, 400 किलो सोने की ईंटों पर किया गया था हाथ साफ