SpiceJet Share Price: घरेलू एयरलाइंस कंपनी स्टाइजेट के स्टॉक में 13 अक्टूबर 2023 के ट्रेडिंग सत्र में 20 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. जैसे ही ये खबरे सामने आई कि इंडिगो के को-फाउंडर और पूर्व प्रमोटर रहे राकेश गंगवाल स्पाइजेट में हिस्सेदारी खरीद सकते हैं. इस खबर के सामने आने के बाद स्पाइजेट के शेयर में जोरदार उछाल आया और स्टॉक 20 फीसदी के उछाल के साथ 43.82 रुपये के लेवल पर जा पहुंचा.  


ईटी नॉउ की रिपोर्ट के मुताबिक राकेश गंगवाल की स्पाइजेट में हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत चल रही है जो कि एडवांस स्टेज में है. जून तिमाही के खत्म होने पर एक्सचेंज पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक राकेश गंगवाल और उनकी पत्नी शोभा गंगवाल के पास इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन में 13.23 फीसदी और 2.99 फीसदी हिस्सेदारी थी. जबकि उनकी चिंकरपू फामिली ट्रस्ट के पास 13.5 फीसदी स्टेक है. इससे पहले 16 अगस्त को राकेश गंगवाल के परिवार ने 3730 करोड़ रुपये में इंटरग्लोब एविएशन के 4.71 फीसदी शेयर्स ब्लॉक डील में बेचे हैं. राकेश गंगवाल कंपनी से एग्जिट करने की तैयारी में हैं. 


दरअसल नगदी के अभाव में स्पाइजेट को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. कंपनी एयरलाइंस को संकट से उबारने के लिए फंड जुटाने की कोशिशों में जुटी है. घरेलू एविएशन मार्केट में स्पाइजेट की हिस्सेदारी लगातार घटती जा रही है. जनवरी के आखिर तक स्पाइजेट की हिस्सेदारी 7.3 फीसदी थी जो सितंबर के आखिर तक घटकर 4.4 फीसदी रह गई है. हाल के दिनों में स्पाइजेट के स्टॉक में तेजी देखने को मिली है. एक हफ्ते में स्टॉक में 21 फीसदी, तीन महीने में 39 फीसदी, और छह महीने में स्टॉक ने 36 फीसदी का रिटर्न दिया है. 


बहरहाल स्पाइजेट में राकेश गंगवाल ने हिस्सेदारी लिया तो एयरलाइंस के लिए नगदी का संकट खत्म हो सकता है. साथ ही इंडिगो के को-फाउंडर का का अनुभव भी स्पाइसजेट को मिल सकेगा. बीते वर्ष फरवरी 2022 में को-फाउंडर राकेश गंगवाल ने तत्काल प्रभाव से इंडिगो के डॉयरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था. इंडिगो बोर्ड को लिखे पत्र में उन्होंने कहा था कि, वे इंटरग्लोब एविएशन में अपनी हिस्सेदारी धीरे-धीरे अगले पांच या उससे अधिक वर्षों में कम करने का इरादा रखते हैं. इंटरग्लोब एविएशन में राकेश गंगवाल के पास तब 14.65 फीसदी और उनकी पत्नी शोभा गंगवाल के पास 8.39 फीसदी हिस्सेदारी थी. 


ये भी पढ़ें 


UBS Downgrades SBI: बगैर गारंटी वाले रिटेल लोन के डूबने का बढ़ा खतरा, यूबीएस ने इन बैंकों के स्टॉक्स का घटाया टारगेट प्राइस