एक अर्थव्यवस्था के तौर पर भारत का कद लगातार बढ़ रहा है. अभी जब दुनिया मंदी के डर से परेशान है, भारत तब दुनिया के लिए आर्थिक मजबूती का केंद्र बना हुआ है. इसमें अमेरिका और यूरोप समेत अन्य देशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों का बड़ा योगदान है. इन्हीं लोगों को श्रेय जाता है कि अब भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था के साथ-साथ विकसित देशों को म्यूजिक भी एक्सपोर्ट करने लग गया है.
इन देशों में ज्यादा खपत
म्यूजिक स्ट्रीम करने वाले स्वीडिश ऑनलाइन प्लेटफॉर्म स्पॉटिफाई ने म्यूजिक के कंजप्शन और एक्सपोर्ट पर दिलचस्प ट्रेंड की जानकारी दी है. बिजनेस टुडे की एक खबर में स्पॉटिफाई के हवाले से बताया गया है कि दक्षिण एशिया से म्यूजिक इम्पोर्ट करने में अमेरिका टॉप पर है. उसके बाद ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी जैसे देशों का स्थान है. संयुक्त अरब अमीरात में साउथ एशियन म्यूजिक की खपत तेजी से बढ़ रही है और सालाना आधार पर यह 72 फीसदी ज्यादा हुआ है.
कनाडा का ये शहर टॉप
शहरों के हिसाब से देखें तो दक्षिण एशियाई म्यूजिक सुनने में सबसे आगे कनाडा टोरंटो है. उसके बाद ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न व सिडनी, ब्रैम्पटन और दुबई जैसे शहरों का नंबर रहा. स्पॉटिफाई इंडिया के हेड ऑफ म्यूजिक राहुल बाल्यान का कहना है कि दक्षिण एशिया से म्यूजिक के हो रहे एक्सपोर्ट के ट्रेंड में भारत का योगदान काफी ज्यादा है.
इन बाजारों में बॉलीवुड की धूम
बकौल स्पॉटिफाई पिछले एक साल के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भारतीय मूल के लोगों के चलते भारतीय म्यूजिक की खपत बढ़ी है. इस दौरान बॉलीवुड फिल्मों ब्रह्मास्त्र और पठान के गाने इन देशों में खूब सुने गए. ब्रह्मास्त्र का केसरिया गाना खपत के हिसाब से टॉप पर रहा.
कनाडा में पंजाबी सबसे भारी
कनाडा के ग्राहकों के कारण पंजाबी म्यूजिक की खपत को बढ़ावा मिला. कनाडा के मार्केट में पिछले एक साल के दौरान सबसे ज्यादा कंज्यूम हुए टॉप-10 म्यूजिक में बॉलीवुड से एक भी एंट्री नहीं रही. लिस्ट में पंजाबी और हिप हॉप म्यूजिक का दबदबा रहा. कनाडा में Sidhu Moose Wala, Karan Aujla, AP Dhillon, Diljit Dosanjh, Arjan Dhillan और Ikky को सबसे ज्यादा सुना गया. अन्य बाजारों में अरिजित सिंह छाए रहे.
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