Sri Lanka Crisis Effect on India: भारत के निर्यात-आयात कारोबार में श्रीलंका की हिस्सेदारी सिर्फ 0.64 फीसदी है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा गया है कि श्रीलंका में गहराते आर्थिक संकट का घरेलू कंपनियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का निर्यात-आयात कारोबार 1,000 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है.
श्रीलंका ने किया विदेशी लोन चुकाने में डिफॉल्ट
गौरतलब है कि श्रीलंका विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के बाद मार्च के बाद से संकट का सामना कर रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार घटने के कारण श्रीलंका ने पिछले सप्ताह 44 अरब डॉलर के अपने सभी विदेशी ऋण के भुगतान में चूक की है.
श्रीलंका में स्कूल, अखबार बंद, भोजन की राशनिंग जारी
श्रीलंका में संकट इतना विकट है कि नोटबुक और स्याही के अभाव में इसके स्कूल बंद हैं, अखबारों ने अखबारों का प्रकाशन बंद कर दिया है और हिंद महासागर स्थित इस राष्ट्र में भोजन, ईंधन और बिजली की राशनिंग हो चली है. श्रीलंका बहुत हद तक पर्यटन पर निर्भर है. वर्ष 2019 में इस्लामिक मिलिशिया द्वारा ईस्टर के मौके पर श्रीलंका पर भारी बमबारी की थी और उसके बाद अब यह देश महामारी का कहर झेल रहा है.
डॉलर के मुकाबले भारी गिरावट में श्रीलंकाई रुपया
इसके अलावा श्रीलंकाई का रुपया, जिसका मूल्य संकट से पहले एक अमेरिकी डॉलर पर 195 होता था, वह तेज गिरावट के साथ मौजूदा समय में लगभग 325 श्रीलंकाई रुपये प्रति डॉलर पर आ गया है.
श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने गलती स्वीकारी
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने स्वीकार किया है कि उन्होंने गलतियां कीं, जिसके कारण देश दशकों के सबसे खराब आर्थिक संकट से घिर गया. राष्ट्रपति ने अपनी गलतियों को सुधारने का संकल्प भी किया. राजपक्षे ने सोमवार को 17 मंत्रियों की नयी कैबिनेट का गठन किया, जिसमें उनके भाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, उनके परिवार की ओर से एकमात्र सदस्य हैं. राष्ट्रपति ने नई कैबिनेट के समक्ष अपनी गलती स्वीकारी.
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