Sri Lanka Crisis: गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे श्रीलंका की मदद के लिए भारत आगे आया है. भारत ने श्रीलंका को ईंधन खरीदने के लिए एक्सट्रा लोन सुविधा देने का फैसला लिया है. भारत श्रीलंका को 50 करोड़ डॉलर की ऋणसुविधा देने के लिए राजी हो गया है.
कच्चे तेल का आयात करने के लिए होगा पैसे का इस्तेमाल
श्रीलंका के वित्तमंत्री अली साबरी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भारत से मिलने वाली इस ऋण सुविधा का इस्तेमाल कच्चे तेल के आयात के लिए किया जाएगा. विदेशी मुद्रा के अभाव में श्रीलंका अपनी ईंधन जरूरत के लिए तेल भी आयात नहीं कर पा रहा है.
IMF से भी लगाई है गुहार
आपको बता दें श्रीलंका ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) से त्वरित वित्तीय मदद के लिए गुहार लगाई हुई है, लेकिन इस राहत पैकेज पर बातचीत में हो रही देरी को देखते हुए भारत ने अपनी तरफ से उसे 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त ऋणसुविधा दी है.
फरवरी में भी दी थी 50 करोड़ डॉलर की मदद
भारत ने इसके पहले फरवरी में भी श्रीलंका को ईंधन खरीद के लिए 50 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा दी थी. उस राशि से श्रीलंका ने भारतीय तेल कंपनी इंडियन ऑयल से तेल की खरीदारी की है, लेकिन अब वह राशि भी खत्म होने के कगार पर पहुंच चुकी थी. इस लिहाज से भारत की तरफ से दी गई अतिरिक्त ऋणसुविधा से श्रीलंका को संकट से उबरने में थोड़ी मदद मिलेगी.
1 अरब डॉलर की मदद के लिए विचार करेगा भारत
आपको बता दें IMF से मदद के लिए बातचीत के लिए वाशिंगटन में मौजूद साबरी ने इसके साथ ही उम्मीद जतायी कि भारत एक अरब डॉलर की एक और ऋणसुविधा देने पर भी विचार करेगा.
कई देशों से बात कर रहा है श्रीलंका
भारत पहले ही आयात भुगतान के एवज में 1.5 अरब डॉलर का भुगतान रोकने के लिए राजी हो गया है. उसने शुक्रवार को श्रीलंका के लिए इस साल जनवरी में दिए 40 करोड़ डॉलर की मुद्रा अदला-बदली सुविधा की अवधि बढ़ा दी है. श्रीलंका को अपनी बढ़ती आर्थिक परेशानियों से निपटने के लिए कम से कम चार अरब डॉलर की मदद की आवश्यकता है और साबरी वित्तीय सहायता के लिए चीन तथा जापान जैसे देशों के साथ ही विश्व बैंक एवं आईएमएफ जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से भी बातचीत कर रहे हैं.
जानें क्या बोले वित्तमंत्री
साबरी ने कहा, ‘‘अगले नौ महीने हमारे लिए मुश्किल रहेंगे. इस दौरान हमें श्रीलंकाई केंद्रीय बैंक में अमेरिकी डॉलर में अधिक निवेश लाने की आवश्यकता है. हम कई देशों से बातचीत कर रहे हैं. अगर ये प्रयास सफल होते हैं और अगर केंद्रीय बैंक में दो अरब डॉलर का निवेश आता है तो इससे हमारी मुद्रा का अवमूल्यन नहीं होगा और वह स्थिर हो जाएगा.’’
12 अप्रैल को कर्ज भुगतान सेवा निलंबित की
श्रीलंका ने 12 अप्रैल को इतिहास में पहली बार अपनी कर्ज भुगतान सेवा निलंबित कर दी है. श्रीलंका में अभूतपूर्व वित्तीय संकट के कारण खाद्यान्न की कमी, बढ़ती ईंधन की कीमतों और बिजली कटौती के कारण हाल के हफ्तों में सरकार विरोधी व्यापक प्रदर्शन हुए हैं.
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