Sri Lanka Economic Crisis: वित्तीय संकट की स्थिति से गुजर रहे श्रीलंका के हालात हर दिन खराब होते जा रहे है. देश के पास इस समय विदेशी कर्ज का भुगतान करने के लिए भी पर्याप्त फंड नहीं है. ऐसी स्थिति में विश्व बैंक देश की आर्थिक मदद के लिए आगे आया है. विश्व बैंक श्रीलंका को आपातकालीन सहायता देने और देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच कमजोर वर्ग के लोगों की मदद करने को तैयार है.
दिवालिया होने की कगार पर श्रीलंका
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को विश्व बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी गई है. श्रीलंका इस समय दिवालिया होने की कगार पर है और 1948 के बाद से सबसे भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.
कोलंबो गजट ने दी जानकारी
कोलंबो गजट ने बुधवार को बताया कि विश्व बैंक के उपाध्यक्ष हार्टविग शेफर ने मंगलवार को वाशिंगटन में श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी के साथ बातचीत की है. साबरी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक की वार्षिक वसंत बैठकों के लिए अमेरिका में हैं.
World Bank है चिंतित
रिपोर्ट में कहा गया कि साबरी और शेफर ने आर्थिक संकट को दूर करने के उपायों, स्थिरीकरण के लिए मदद और कमजोर वर्गों की रक्षा करने पर चर्चा की है. शेफर ने कहा कि विश्व बैंक गरीबों और कमजोर लोगों पर संकट के प्रभाव को लेकर अत्यधिक चिंतित है और दवाओं, स्वास्थ्य संबंधी आपूर्ति, पोषण तथा शिक्षा के लिए आपातकालीन मदद देने को तैयार है.
श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने गलती स्वीकारी
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने स्वीकार किया है कि उन्होंने गलतियां कीं, जिसके कारण देश दशकों के सबसे खराब आर्थिक संकट से घिर गया. राष्ट्रपति ने अपनी गलतियों को सुधारने का संकल्प भी किया. राजपक्षे ने सोमवार को 17 मंत्रियों की नयी कैबिनेट का गठन किया, जिसमें उनके भाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, उनके परिवार की ओर से एकमात्र सदस्य हैं. राष्ट्रपति ने नई कैबिनेट के समक्ष अपनी गलती स्वीकारी.
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