Sri Lanka Inflation: श्रीलंका में घटी मुद्रास्फीति पर अभी भी 50 फीसदी के पार, मार्च में 50.3 फीसदी रही महंगाई दर
Sri Lanka Inflation Rate: श्रीलंका में पिछले कुछ महीनों में महंगाई दर में कमी आई है. दिसंबर 2022 में महंगाई 57.2 फीसदी से गिरकर जनवरी में 54.2 फीसदी हो गई थी पर अभी भी ये 50 फीसदी के ऊपर बनी हुई है.
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Sri Lanka Inflation Rate: भारत के पड़ोसी देशों की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति में इस समय उठापठक देखी जा रही है. भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान कंगाली के माहौल में फंसा हुआ है और वहां रोजमर्रा के जीवन की जरूरतों को पूरा करने के लिए जनता को मशक्कत करनी पड़ रही है. इसके अलावा भारत का एक और पड़ोसी देश श्रीलंका भी भीषण महंगाई के दौर में संघर्ष कर रहा है.
श्रीलंका में महंगाई दर में मामूली गिरावट
श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच मार्च में महंगाई दर पिछले महीने के 50.6 फीसदी से घटकर 50.3 फीसदी पर आ गई. आधिकारिक आंकड़ों से ये जानकारी मिल पाई है. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक खाद्य समूह की साल-दर-साल महंगाई दर फरवरी में 54.4 फीसदी से गिरकर मार्च में 47.6 फीसदी हो गई और गैर-खाद्य समूह में महंगाई दर फरवरी के 48.8 फीसदी से बढ़कर 51.7 फीसदी हो गई.
पिछले कुछ महीनों में घटी महंगाई दर
पिछले कुछ महीनों में देश में महंगाई दर में कमी आई है. दिसंबर 2022 में महंगाई दर 57.2 फीसदी से गिरकर जनवरी में 54.2 फीसदी हो गई. देश के केंद्रीय बैंक ने कहा कि साल के अंत तक महंगाई दर घटकर सिंगल डिजिट में आ जाएगी.
IMF से श्रीलंका को मिला था बेलआउट पैकेज
जैसा कि श्रीलंका अभी भी 1948 में स्वतंत्रता के बाद से अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है, द्वीप राष्ट्र ने पिछले महीने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 2.9 बिलियन डॉलर का बेलआउट प्राप्त किया था, जो अरबों डॉलर के ऋण वाले द्वीप राष्ट्र के लिए एक जीवन रेखा के रूप में आया. कोविड-19 महामारी, ऊर्जा की बढ़ती कीमतों, लोकलुभावन करों में कटौती और 50 फीसदी से अधिक की महंगाई दर ने श्रीलंका को पस्त कर दिया है.
कर्ज चुकाने से चूका श्रीलंका
दवाओं, ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी ने भी जीवन यापन की लागत को उच्च रिकॉर्ड करने के लिए प्रेरित किया, हिंसक राष्ट्रव्यापी विरोधों को ट्रिगर किया जिसने 2022 में गोटबाया राजपक्षे सरकार को उखाड़ फेंका. इसके चलते देश अपने इतिहास में पहली बार पिछले मई में अंतरराष्ट्रीय उधारदाताओं के साथ अपने ऋणों पर चूक गया.
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