Stand-Up India Scheme: सरकार महिलाओं के लिए तरह-तरह की योजनाएं लेकर आती रहती है. इन सभी योजनाओं का मकसद रहता है कि इससे महिलाएं सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनें. ऐसी ही एक स्कीम का नाम है स्टैंड अप इंडिया स्कीम. इस स्कीम को मोदी सरकार ने खास महिलाओं की आर्थिक मदद करने के साल 2016 में शुरू किया था. इस स्कीम की मदद से केंद्र सरकार अनुसूचित जाति/जनजाति और महिला उद्यमियों को लोन देती है जिससे वह अपना बिजनेस शुरू कर सके और आर्थिक रूप से सशक्त बन सके.
योजना के 6 साल पूरे होने पर केंद्रीय वित्त निर्मला सीतारमण ने अपने ऑफिस के ट्विटर हैंडल से इस बारे में ट्वीट करके जानकारी देते हुए लिखा, 'Stand Up India स्कीम से महिला सशक्तिकरण में मदद मिल रही है. इससे योजना के द्वारा अनुसूचित जाति/ जनजाति और महिला उद्यमियों को लोन देकर उनके लिए रोजगार के नए अवसर बनाएं जा रहे हैं. इस योजना को शुरू किए हुए 6 साल हो चुके हैं.' गौरतलब है कि अबतक कुल 30,160 करोड़ रुपये का लोन सरकार द्वारा महिला उद्यमियों को दिया जा चुका है.
1 लाख से ज्यादा महिलाओं को मिला स्कीम का लाभ
इस योजना के द्वारा सरकार ने 1 लाख से ज्यादा महिला उद्यमियों को आर्थिक मदद देकर उन्हें खुद का बिजनेस शुरू करने में सहायता की है. इस मामले पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह योजना न सिर्फ महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है बल्कि यह रोजगार के नए अवसर पैदा करने में भी मदद कर रही है. इस योजना के द्वारा समाज की वंचित वर्ग की महिलाओं को भी आर्थिक मदद दी जा रही है.
स्टैंड-अप इंडिया योजना से मिलते हैं यह फायदे
-इस योजना के तहत सरकार 10 साल से 1 करोड़ के बीच अनुसूचित जाति/ जनजाति से संबंधित लोगों और महिला उद्यमियों को लोन की सुविधा देती है.
-इस योजना के तहत लोन मिलने पर मार्जिन मनी को भी कम कर दिया जाता है.
-इस योजना के तहत लोन को वापस करने के लिए 7 साल का समय दिया जाता है.
-इस योजना के द्वारा व्यापार क्षेत्र और कृषि संबंधित व्यापार के लिए भी लोन दिया जाता है.
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