Stanley Lifestyles: 35 फीसदी के बंपर प्रीमियम पर लिस्टिंग, पहले दिन अमीर हुए इस आईपीओ के निवेशक
Stanley Lifestyles IPO Listing: इस आईपीओ को बाजार में हर कैटेगरी के निवेशकों ने हाथों-हाथ लिया था और लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट में उसका प्रीमियम भी ऊपर चल रहा था...
स्टैनली लाइफस्टाइल्स के आईपीओ के निवेशकों को आज बाजार में पहले दिन ही शानदार कमाई हो गई है. आईपीओ के बाद कंपनी के शेयर आज बाजार पर 35 फीसदी के प्रीमियम के साथ लिस्ट हुए. इस तरह आईपीओ के निवेशकों को बाजार में शुरुआत होते ही 35 फीसदी का रिटर्न मिल गया.
हर शेयर पर इतना हुआ फायदा
हर लॉट के हिसाब से देखें तो आईपीओ के निवेशकों की कमाई हजारों रुपये में हुई है. कंपनी ने आईपीओ में 351-369 रुपये का प्राइस बैंड तय किया था और उसके एक लॉट में 40 शेयर शामिल थे. वहीं आज शेयरों की लिस्टिंग बीएसई पर 35.23 फीसदी प्रीमियम के साथ 499 रुपये पर और एनएसई पर 34.13 फीसदी के प्रीमियम के साथ 494.95 रुपये पर हुई.
हर लॉट पर 5-5 हजार से ज्यादा कमाई
यह आईपीओ बाजार में सब्सक्रिप्शन के लिए 21 जून को खुला था और 25 जून तक निवेशकों के लिए उपलब्ध रहा था. इस आईपीओ को सब्सक्राइब करने के लिए निवेशकों को कम से कम 14,760 रुपये की जरूरत पड़ी. वहीं लिस्टिंग के हिसाब से देखें तो बीएसई पर एक लॉट 19,960 रुपये का हो गया है. मतलब आईपीओ के निवेशकों को हर लॉट पर 5,200 रुपये की कमाई हो गई है.
लगभग 100 गुना हुआ था सब्सक्राइब
स्टैनली लाइफस्टाइल्स ने इस आईपीओ के जरिए 537.02 करोड़ रुपये जुटाया. आईपीओ में 200 करोड़ रुपये के शेयरों का फ्रेश इश्यू और 337.02 करोड़ रुपये का ऑफर फोर सेल शामिल था. आईपीओ को लगभग हर कैटेगरी में अच्छा रिस्पॉन्स मिला था. उसे सबसे ज्यादा 215.62 गुना क्यूआईबी कैटेगरी में सब्सक्राइब किया गया. वहीं एनआईआई कैटेगरी में 121.42 गुना और रिटेल कैटेगरी में 19.08 गुना सब्सक्रिप्शन मिला. इस तरह आईपीओ ओवरऑल 97.16 गुना सब्सक्राइब हुआ.
आईपीओ से जुटाए पैसे का इस्तेमाल
यह कंपनी प्रीमियम-लग्जरी फर्नीचर सेगमेंट में काम करती है. उसने कहा था कि वह आईपीओ से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल स्टैनली लेवल नेक्स्ट, स्टैनली बुटिक, सोफाज एंड मोर बाय स्टैनली जैसे फॉर्मेट समेत नए स्टोर खोलने में करेगी. उसके अलावा कंपनी ने पुराने स्टोर के रिनोवेशन पर भी कुछ रकम खर्च करने का इरादा जाहिर किया था. बाकी रकम का इस्तेमाल कंपनी नई मशीनरी आदि खरीदने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी.
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