Elon Musk Starlink: भारत में हाई-स्पीड इंटरनेट सर्विस के लिए एयरटेल और रिलायंस जियो ने एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के साथ समझौता किया है. अब सवाल यह आता है कि क्या स्टारलिंक से आने वाले समय में जियो और एयरटेल को कोई खतरा है? 


क्यों नहीं एयरटेल और जियो को स्टारलिंक से खतरा?


ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टारलिंक की सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस से भारत में टेलीकॉम सेक्टर की दो बड़ी कंपनियों एयरटेल और जियो को कोई खतरे की संभावना नहीं है क्योंकि होम ब्रॉडबैंड प्लान की कीमत भी सही है, स्पीड भी बढ़िया है और डेटा भी अनलिमिटेड है. इसके बजाय स्टारलिंक की सेवा से दूरसंचार कंपनियों के मौजूदा नेटवर्क को और मजबूती मिलेगी, जिससे दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट एक्सेस का विस्तार करने में मदद मिलेगी.


इतनी है इनके प्लान की कीमत


स्टारलिंक और अन्य सैटकॉम कंपनियों की सैटेलाइट इंटरनेट प्लान की कीमत प्रति माह 10 से 500 अमेरिकी डॉलर के बीच में होती है. इसके अलावा, 250-380 अमेरिकी डॉलर तक वन टाइम हार्डवेयर कॉस्ट भी शामिल है. इसके विपरीत, भारत में टेलीकॉम कंपनियों की होम ब्रॉडबैंड प्लान की कीमत 5 से 7 अमेरिकी डॉलर के बीच होती है, जबकि प्रीमियम प्लान की कीमत 47 डॉलर तक होती है, जो 1 Gbps की स्पीड से स्ट्रीमिंग सर्विसेज प्रदान करती है. इसके अलावा, स्टारलिंक के प्लान में डेटाकैप होते हैं, जबकि जियो और एयरटेल अनलिमिटेड डेटा देते हैं. 


इनके साथ भी स्टारलिंक की पार्टनरशिप


स्टारलिंक भारतीय बाजारों के हिसाब से अधिक कीमती है, जबकि देश की टेलीकॉम कंपनियां किफायती हैं. ऐसे में इनके बीच, मुकाबला होने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. एयरटेल और जियो के बीच स्टारलिंक का मौजूदा एग्रीमेंट मुख्य रूप से डिस्ट्रीब्यूशन पर आधारित है. आने वाले समय में डायरेक्ट-टू-सेल सैटेलाइट सर्विस के लिए जियो, एयरटेल और स्टारलिंक के बीच सहयोग होने की संभावना है. बता दें कि स्टारलिंक ने सैटेलाइट कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए टी-मोबाइल (अमेरिका), रोजर्स (कनाडा), ऑप्टस (ऑस्ट्रेलिया) और केडीडीआई (जापान) जैसी दूरसंचार कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है. 


ये भी पढ़ें:


Share Market: अगली पीढ़ी के अमीर भारतीयों को लुभा रहा शेयर बाजार, इक्विटी में निवेश है सबसे पंसदीदा इंवेस्टमेंट