इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम का समय पर भुगतान करने की कोशिश सभी करते हैं लेकिन कभी न कभी इसमें चूक हो जाती है. सिर्फ तय डेडलाइन तक प्रीमियम जमा न करने से ही पॉलिसी लैप्स नहीं होती है. अगर हम ग्रेस पीरियड में भी पॉलिसी का प्रीमियम नहीं जमा करा सके तब पॉलिसी लैप्स हो जाती है. हालांकि लैप्‍स हुई पॉलिसी को दोबारा चालू करवाया जा सकता है.


रिवाइवल पीरियड
बीमा कंपनियां आम तौर पर ग्रेस पीरियड खत्‍म के बाद दो से तीन साल का समय पॉलिसी को फिर से शुरू करवाने के लिए रखती हैं. इस अवधि को  रिवाइवल पीरियड के नाम से जाना जाता है. आपके पॉलिसी डॉक्‍यूमेंट में इसकी जानकारी होती है. अगर आपकी पॉलिसी लैप्स हो गई है तो आपकी कोशिश होनी चाहिए कि रिवाइवल पीरियड के अंदर ही पॉलिसी को दोबारा शुरू करा दें.


भुगतान और पेनल्टी
अगर आप लैप्स हुई पॉलिसी दोबारा शुरू करना चाहते हैं तो आपको उन सभी वर्षों के प्रीमियम का भुगतान करना होगा जब से यह लैप्‍स हुई थी. यह भी ध्यान रखें कि प्रीमियम नहीं देने के लिए इंश्‍योरेंस कंपनी की ओर से तय पेनाल्‍टी भी देनी होगी.


मेडिकल चेक-अप
अधिकांश मामलों में रिवाइवल के लिए अच्‍छी सेहत होने का डेक्‍लेरेशन काफी होता है लेकिन कुछ मामलों में निर्धारित मेडिकल सेंटर में मेडिकल चेक-अप जरुरी होता है.


नई शर्तें
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि रिवाइव की गई पॉलिसी एक नई पॉलिसी हो जाती है. बीमा कंपनी इसमें नई शर्तें डाल सकती है. नए पॉलिसी डॉक्‍यूमेंट मिलने पर उसका सावधानी से अध्ययन करना चाहिए.


इन बातों का रखें ध्यान




  • पॉलिसी दोबारा चालू जरूर करवाएं यह नई पॉलिसी खरीदने से अधिक किफायती रहता है.

  • बीमा कंपनियां समय-समय पर पॉलिसी रिवाइवल कैंपन चलाती हैं.

  • इनका मकसद लोगों को लैप्‍स हो चुकी पॉलिसी को दोबारा चालू कराने के लिए प्रोत्‍साहित करना होता है.


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