अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक जरूरतों के लिए नियमित पैसा नहीं बचा रहे हैं तो आपके जागने का वक्त है. एचएसबीसी की रिपोर्ट The Future of Retirement, the Cost of Ageing रिपोर्ट के मुताबिक 68 फीसदी भारतीयों को कहना है कि उनकी आर्थिक जरूरतों का ध्यान उनके बच्चे रखेंगे लेकिन हकीकत में सिर्फ 30 फीसदी पैरेंट्स को ही उनसे फाइनेंशियल सपोर्ट मिल पाता है. एक मोटे अनुमान के मुताबिक आपकी जो मौजूदा लाइफस्टाइल है उसे बरकरार रखने के लिए आपकी रिटायरमेंट बाद की आय इसकी 80 फीसदी होनी चाहिए. भारतीय लोगों की रिटायरमेंट आमदनी 30 फीसदी कम पड़ जाती है.


आखिर रिटायरमेंट प्लानिंग का सबसे अच्छा तरीका क्या हो सकता है? रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी कैसे खुशगवार हो सकती है? अमूमन रिटायरमेंट के लिए हम ईपीएफ (एंप्लॉयज प्रॉविडेंट फंड) और पीपीएफ (पब्लिक प्रॉविडेंट फंड) में इनवेस्टमेंट का पर्याप्त मान लेते हैं. लेकिन पीएफ और पीपीएफ का कम ब्याज महंगाई दर के हिसाब से आपके भविष्य की वित्तीय सुरक्षा के लिए नाकाफी होगा. आइए देखते हैं रिटायरमेंट प्लानिंग में क्या गलती करते हैं


शुरुआती दौर से प्लानिंग नहीं


आपको अपनी पहली सैलरी से रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए. जब आप यंग हों और आपके पास कार, होम लोन या अलग इंश्योरेंस पॉलिसी की प्रीमियम का बोझ न हो. एक रूल के तौर पर हमेशा अपने खर्च का 30 फीसदी सेव करें और सही तरीके से इनवेस्ट करें.


महंगाई को नजरअंदाज न करें


महंगाई को ध्यान में रखें . सात फीसदी महंगाई की दर 50 रुपये के सामान 30 साल में 380 रुपये का हो जाएगा. अगर इन्फ्लेशन का ध्यान न रखें तो निवेश का फायदा नहीं मिल पाएगा हमेशा ऐसे प्रोडक्ट में निवेश करें जो इनफ्लेशन से ज्यादा रिटर्न दे रहा हो.


पर्याप्त हेल्थ कवरेज से परहेज


हेल्थ इंश्योरेंस जरूरी.बढ़ती उम्र में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें लाजिमी है. इसलिए अपनी फैमिली हिस्ट्री और पर्सनल हेल्थ सिचुएशन को ध्यान में रख कर आपको बेस्ट प्लान चुनना चाहिए.


रिटायरमेंट फंड से कोई दूसरी जरूरत पूरी करना


अपने रिटायरमेंट फंड को किसी दूसरी चीज मसलन बच्चों के एजुकेशन आदि पर खर्च न करें. रिटायरमेंट फंड सिर्फ आपकी जरूरत के लिए है. अपने रिटायरमेंट फंड के लिए आप इन इनवेस्टमेंट और सेविंग्स प्रोडक्ट्स में निवेश कर सकते हैं- 1. एनपीएस 2. एनएससी 3. म्यूचुअल फंड पेंशन प्लान
4. पोस्ट ऑफिस और बैंक एफडी 5. पीपीएफ. ये योजनाएं सिर्फ रिटायरमेंट के बाद उपलब्ध हैं- 1. सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम 2. रिवर्स मॉर्गेज
3. एन्यूटी प्लान. याद रखिये, भारतीयों की औसत 1980 के दशक में 53-54 साल थी.लेकिन अब यह 67 से 70 साल तक हो गई है. जाहिर है रिटायरमेंट के बाद भी आपको लंबे वक्त एक निश्चित आय की जरूरत होगी. इसलिए आपको रिटायरमेंट की बाद की जिंदगी के लिए अच्छी प्लानिंग के साथ निवेश करना होगा.


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