Startup Funding: स्टार्टअप शब्द ऐसा शब्द है जो आम तौर पर बड़ा लुभाता है और स्टार्टअप शुरू करने वालों से लेकर निवेशकों तक के लिए ये वो शानदार तरीका है जिससे कमाई के रास्ते बनाए जाते हैं. देश में यूनिकॉर्न स्टार्टअप इतनी तेजी से बढ़े कि आम लोगों में भी स्टार्टअप को लेकर उत्सुकता बन गई और इसके चलते हर किसी नए बिजनेस आइडिया वाले शख्स को लगा कि वो भी स्टार्टअप खोल सकता है.


स्टार्टअप भले ही आप ना खोलें लेकिन इसमें ऐसे तरीकों से आप बिजनेस कर सकते हैं कि जिससे आपको पूरा बिजनेस सेटअप करने की समझ ना भी हो तो ये काम आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. यहां जानिए स्टार्टअप इंवेस्टमेंट्स के कौन-कौन से तरीके अपना सकते हैं जिससे आपको हींग लगे ना फिटकरी, रंग चोखा वाला फायदा भी मिल जाए और आपको ज्यादा मशक्कत ना करनी पड़े. 


वेंचर कैपिटल


प्रोफेशनल फर्में कई निवेशकों से पूंजी जुटाती हैं जो ऊंची ग्रोथ की उम्मीद देने वाले बिजनेस स्टार्टअप्स होते हैं. वेंचर कैपिटल ऐसे स्टार्टअप्स की खोज करते हैं जिनका लक्ष्य स्पष्ट हो, मजबूत बिजनेस मॉडल हो और एक टैलेंटेड टीम हो.


एंजेल इंवेस्टर्स


एंजेल इंवेस्टर्स वो होते हैं जो अपने पैसे के इस्तेमाल से शुरुआती चरण वाले स्टार्टअप्स में  निवेश करते हैं और बदले में इक्विटी ओनरशिप हासिल करते हैं. 


क्राउडफंडिंग


आंत्रप्रेन्योर्स कई तरीके से पूंजी जुटाते हैं और इसमें वो लोग भी शामिल होते हैं जो इक्विटी या कन्वर्टिबल डेट के बदले में फंडिंग करते हैं. ऐसे लोगों से जुटाई पूंजी ही क्राउडफंडिंग कही जाती है जो कई बार फर्स्ट-रन प्रोडक्ट जैसे रिवार्ड्स के लिए पैसे देते हैं.


सीड फंडिंग


स्टार्टअप के लिए पहली इक्विटी फंडिंग जो इसके मार्केट रिसर्च, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और एक फाउंडिंग टीम के लिए हायरिंग कर सकती हो, वो सीड फंडिंग कहलाती है.


निष्कर्ष


इन तरीको से आप स्टार्टअप्स में निवेश कर सकते हैं और अपने लगाए हुए बिजनेस की अपेक्षा किसी और के आइडिया में निवेश करके बिजनेस भी कर सकते हैं और स्टार्टअप्स की सक्सेस स्टोरी का हिस्सा बन सकते हैं.


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