दुनिया भर के स्टार्टअप पिछले एक-डेढ़ साल से फंडिंग में कमी की समस्या का सामना कर रहे हैं. इसे स्टार्टअप फंडिंग विंटर के नाम से जाना जा रहा है. भारत में नई कंपनियों को इस संकट से जल्द छुटकारा मिल सकता है. भारत सरकार स्टार्टअप को इन्वेस्टमेंट दिलाने की एक योजना पर काम कर रही है.


स्टार्टअप के सामने ऐसी गंभीर दिक्कत


स्टार्टअप फंडिंग विंटर की बात करें तो इससे भारतीय स्टार्टअप भी काफी परेशान हैं. फंड की दिक्कत होने से कई स्टार्टअप कंपनियों के सामने सर्वाइवल की दिक्कत आ गई. कई स्टार्टअप बंद हो गए, जबकि कइयों ने खुद को बचाए रखने के लिए बड़े स्तर पर छंटनी समेत कॉस्ट कटिंग के अन्य उपायों का सहारा लिया. ईटी की एक ताजी खबर की मानें तो इन दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए सरकार नई योजना तैयार कर रही है.


ऐसी है भारत सरकार की योजना


ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की योजना भारत में स्टार्टअप की उभरती दुनिया के लिए निवेश उपलब्ध कराने और इसमें आ रही दिक्कतों को दूर करने की है. इसके लिए डिपार्टमेंट फोर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) स्टार्टअप के प्रदर्शन को आंकने के लिए कई इंडिकेटर डेवलप करना चाह रहा है. ऐसे इंडिकेटर में इन्वेस्टमेंट, किसी सेक्टर में स्टार्टअप की संख्या, रोजगार सृजन आदि शामिल हैं.


इन मुद्दों पर काम कर रही है सरकार


ईटी को एक अधिकारी ने बताया कि सरकार इस कदम के लिए तय समय में टारगेट को पूरा करने की योजना बना रही है. यह पूरी योजना नियामकीय मंजूरियों, टैक्सेशन, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और भारतीय स्टार्टअप के वैश्विक विस्तार आदि में आ रही चुनौतियों की पहचान करने की है. सरकार उन दिक्कतों की भी पहचान कर दूर करने का प्रयास कर रही है, जिसके चलते कंपनियां, हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल और अन्य निवेशक स्टार्टअप में पैसे लगाने से हिचकते हैं.


स्टार्टअप इंडिया को एक्टिव करने का प्लान


केंद्र सरकार ने देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए 2016 में स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत की थी. अब सरकार सात साल पुरानी योजना को नए सिरे से एक्टिव करना चाहती है. इस स्कीम की शुरुआत से अब तक डीपीआईआईटी देश में 98,119 स्टार्टअप को मान्यता प्रदान कर चुका है. यह आंकड़ा 20 अप्रैल 2023 तक का है.


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