कोरोना महामारी (Corona Pandemic) शुरू होने के बाद से देश में सैकड़ों लोगों की नौकरी और रोजगार के साधन चले गए. ऐसे में लोगों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा. साल 2022 के दौर को देश में स्टार्टअप का दौर माना जाता है. स्टार्टअप शुरू (Startup) करने का मतलब है कि आप खुद का बिजनेस शुरू (Business Start) कर रहे हैं. भारत में पहली बार टेलीविजन पर बिजनेस संबंधी प्रोग्राम शुरू किया गया है जिसका नाम है 'शार्क टैंक इंडिया'(Shark Tank India).इस शो पर कई लोग अपने स्टार्टअप आईडिया (Start Up India) लेकर आते हैं. इसमें शो के शार्कस (Sharks) इन बिजनेस में खुद की समझ और जरूरत के अनुसार निवेश करते हैं. लेकिन, प्रोग्राम देखने तक कई तरह के टेक्निकल शब्दों का इस्तेमाल होता है.


अगर आप भी खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको कुछ टेक्निकल शब्दों का पता होना बहुत जरूरी है. इसके बिना आप खुद के बिजनेस की शुरुआत नहीं कर सकते हैं. तो चलिए जानते हैं कुछ टेक्निकल शब्दों (Business Technical Words) के बारे में-


B to B बिजनेस क्या है?
जब भी कोई नया बिजनेस शुरू करने जाता है तो सबसे ज्यादा दो शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है. वह शब्द है B to B बिजनेस और B to C बिजनेस. सबसे पहले B to B बिजनेस का मतलब समझें. इसका मतलब है कि आप अपना सामान बनाकर इसे किसी और बिजनेस करने वाले को बेचते हैं तो यह B to B बिजनेस. उदाहरण के तौर पर जैसे आपने कंबल बनाकर इसे होटल को बेचा तो यह B to B बिजनेस हुआ.


B to C बिजनेस क्या है?
B to C बिजनेस का मतलब यह होता है कि आपने अपने सामान को बनाकर सीधे ग्राहक को बेचा तो यह B to C बिजनेस हो गया. जैसे आपने अपने कंबल को बनाकर सीधे ग्राहक को दुकान, ऑनलाइन रिटेल स्टोर (Online Retail Store) के माध्यम से बेचा.


वैल्यूएशन (Valuation) क्या है?
अगर आप अपने बिजनेस की इकनॉमी वैल्यू निकालते हैं तो इसे वैल्यूएशन कहते हैं. इससे यह पता चलता है कि आपकी कंपनी कीमत कितनी है. इससे यह पता चलता है कि आपकी कंपनी ने कुछ सालों में कितना मुनाफा कमाता है और इसे बेचने पर कितने पैसे मिलते हैं.


इक्विटी (Equity) क्या है?
स्टार्टअप शुरू करते समय एक शब्द से दो चार होना पड़ता है वह है इक्विटी. इक्विटी का मतलब होता है कि कंपनी में किसी व्यक्ति की कितनी हिस्सेदारी होती है. अगर आपकी कंपनी में कोई निवेश करता है तो आप इसके बदले में आप कंपनी की हिस्सेदारी निवेशक को दिखानी होगी. जैसे 10 करोड़ की वैल्यूएशन कंपनी में कोई 10 लाख निवेश के बदले आपसे 1 प्रतिशत की इक्विटी लें. 


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