Startup Valuation: भारत में पिछले कुछ सालों में स्टार्टअप (Startup) की एक लहर सी देखी गई है. शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) जैसे शो ने स्टार्टअप के प्रति लोगों के रुझान को और बढ़ा दिया है. आमतौर पर जब भी स्टार्टअप की बात होती है तो यूनिकॉर्न स्टार्टअप (Unicorn Startup) का नाम सबसे ज्यादा लिया जाता है. यह एक प्रकार का स्टार्टअप है जिसकी वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर यानी 8,319 करोड़ रुपये से अधिक है. साल 2013 में सबसे पहले इस शब्द का इस्तेमाल काउबॉय वेंचर के फाउंडर एलिन ली द्वारा किया गया था.
भारत में हैं इतने यूनिकॉर्न स्टार्टअप-
जब भी किसी नए स्टार्टअप की शुरुआत होती है तो उसकी सबसे पहले यह कोशिश होती है कि वह यूनिकॉर्न स्टार्टअप की क्लब में शामिल हो जाए. भारत में सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या डिजिटल आधारित है, क्योंकि यह तकनीक पर निर्भर करते हैं और तेजी से वायरल हो जाते हैं. ऐसे में इस तरह की कंपनियों की वैल्यूएशन बहुत तेजी से बढ़ जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देशभर में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या 108 है. वहीं साल 2025 तक इसकी संख्या 150 होने की संभावना है.
यूनिकॉर्न के अलावा होते हैं इतने प्रकार के स्टार्टअप-
मिनीकॉर्न स्टार्टअप
जिन स्टार्टअप का वैल्यूएशन 10 लाख डॉलर यानी 8.3 करोड़ रुपये से अधिक है उन्हें मिनीकॉर्न स्टार्टअप कहा जाता है. आमतौर पर शुरुआती दौर के सभी स्टार्टअप की वैल्यू इतनी ही होती है और इस क्लब के स्टार्टअप में शामिल होना बेहद आसान है.
सूनीकॉर्न स्टार्टअप
जिन स्टार्टअप की वैल्यूएशन 8.3 करोड़ से ज्यादा है और जल्द ही वह 10 लाख डॉलर यानी यूनिकॉर्न के स्तर पहुंचने वाले हैं, इस तरह के स्टार्टअप को सूनीकॉर्न स्टार्टअप स्टार्टअप कहते हैं. मौजूदा वक्त में भारत में कुल 50 ऐसे स्टार्टअप हैं जो यूनिकॉर्न स्टार्टअप बनने की रेस में शामिल है.
डेकाकॉर्न स्टार्टअप
जिन स्टार्टअप की वैल्यूएशन 10 अरब डॉलर से अधिक होती है उन्हें डेकाकॉर्न स्टार्टअप कहा जाता है. दुनिया में इस तरह के स्टार्टअप की संख्या बेहद कम है. क्रंचबेस यूनिकॉर्न बोर्ड के जनवरी 2023 के डाटा के अनुसार विश्व भर में केवल 47 ऐसे कंपनियां हैं जो डेककॉर्न स्टार्टअप की कैटेगरी में आती हैं.
हेक्टोकॉर्न स्टार्टअप
'होक्टो' एक ग्रीक शब्द है जिसका मतलब है सौ यानी जिन कंपनियों का वैल्यूएशन 100 अरब डॉलर यानी 8.32 लाख करोड़ रुपये से अधिक है उन्हें हेक्टोकॉर्न स्टार्टअप कंपनी कहा जाता है. इसे 'सुपर यूनिकॉर्न' भी कहा जाता है. एलन मस्क की स्पेसएक्स अक्टूबर 2021 में हेक्टोकॉर्न स्टार्टअप की कैटेगरी में शामिल होने वाली पहली कंपनी बनी थी. इस कैटेगरी में गूगल, एप्पल जैसी कंपनियों का नाम भी शामिल है. भारत की कोई भी कंपनी इस कैटेगरी में शामिल नहीं है.
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