Startups Funding: जारी है स्टार्टअप्स का सूखा, फरवरी में फंडिंग में आई इतनी बड़ी गिरावट
Startups Funding: पूरी दुनिया में जारी आर्थिक अनिश्चितता के माहौल का व्यापक असर हो रहा है. खासकर स्टार्टअप्स की दुनिया को इसने बहुत ज्यादा प्रभावित किया है.
पिछले साल से पूरी दुनिया मुश्किल आर्थिक हालातों से जूझ रही है. पहले कोरोना महामारी (Covid-19) के कारण आए व्यवधानों और बाद में पूर्वी यूरोप में शुरू हुए युद्ध (Russia Ukraine War) ने अर्थव्यवस्था को संभलने का मौका ही नहीं दिया. इसके चलते चारों तरफ छंटनी (Global Layoffs) का माहौल है. स्टार्टअप्स की दुनिया को देखें तो आर्थिक अनिश्चितता के माहौल ने यहां सबसे ज्यादा असर दिखाया है. आगे बढ़ने के मौके तलाश रहे स्टार्टअप्स (Startups Funding) यानी नई कंपनियों के सामने जरूरी पूंजी की दिक्कतें होने लगी हैं. बदले माहौल में ये कंपनियां फंड जुटाने में संघर्ष कर रही हैं.
साल भर पहले से इतनी कम फंडिंग
मार्केट इंटेलीजेंस फर्म Tracxn के हवाले से एक अंग्रेजी अखबार की एक खबर में बताया गया है कि पिछले महीने में भी स्टार्टअप्स के सामने फंडिंग का संकट बरकरार रहा. इस साल के दूसरे महीने यानी फरवरी 2023 के दौरान वेंचर फंडिंग में भारत के स्टार्टअप्स महज 809 मिलियन डॉलर की जुटा पाईं, जो ठीक एक साल पहले की तुलना में करीब 84 फीसदी कम है. साल भर पहले यानी फरवरी 2022 में स्टार्टअप्स ने 5.2 बिलियन डॉलर जुटाए थे.
पिछले 01 साल का सबसे सूखा महीना
आंकड़ों के अनुसार, भारतीय स्टार्टअप्स के लिए फरवरी 2023 कम से कम एक साल का सबसे सूखा महीना साबित हुआ. पिछले 12 महीने में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी एक महीने में भारत के स्टार्टअप्स 01 बिलियन डॉलर के फंड भी नहीं जुटा पाए हैं. फरवरी महीने के दौरान इन स्टार्टअप्स ने 84 राउंड में 809 मिलियन डॉलर जुटाए, जबकि एक महीने पहले यानी जनवरी 2023 में इन्होंने 157 राउंड में 1.38 बिलियन डॉलर जुटाए थे. इस तरह जनवरी की तुलना में फंडिंग में 41 फीसदी की गिरावट आई.
सबसे ज्यादा इस स्टार्टअप को फंड
फरवरी महीने के दौरान इंश्योरेंस देखो को सबसे ज्यादा 150 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली. इसे डेट और इक्विटी दोनों प्रकार की फंडिंग मिली. फंड देने वालों में गोल्डमैन सैश एसेट मैनेजमेंट, टीवीएस कैपिटल फंड, इन्वेस्टकॉर्प, अवतार वेंचर्स और लीपफ्रॉग इन्वेस्टमेंट्स जैसे नाम शामिल रहे. फंड जुटाने में इसके बाद 145 मिलियन डॉलर के साथ टीआई क्लीन मोबिलिटी का स्थान रहा.
फंड जुटाने में ये भी रहे कामयाब
वहीं 104 मिलियन डॉलर के साथ फ्रेश टू होम फूड्स तीसरे स्थान पर रही. इनके अलावा 100 मिलियन डॉलर के साथ फोनपे, 48 मिलियन डॉलर के साथ पैन हेल्थ, 33 मिलियन डॉलर के साथ सीसीबीपी, 20 मिलियन डॉलर के साथ जिप इलेक्ट्रिक और 20 मिलियन डॉलर के साथ सिंपल एनर्जी का स्थान रहा.