नई दिल्लीः भारतीय स्टेट बैंक ने नगद लेन लेन पर ट्रांजैक्शन फीस की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव किया है. नयी व्यवस्था पहली अप्रैल से लागू होगी. नगद पैसा निकालने की संख्या कम कर दी गयी है, जबकि फीस बढ़ा गयी है.

नई व्यवस्था के तहत
25 हजार रुपये तक औसत मासिक बैलेंस रहने पर शाखा में जाकर हर महीने दो बार मुफ्त नगद निकासी की सुविधा मिलेगी. इसके बाद हर नगद लेन-देन साढ़े 57 रुपये लगेंगे

  • पहले औसत मंथली बैलेंस 25 हजार रुपये रहने तक आप एक महीने में 4 बार नगद मुफ्त में निकाल सकते थे. इसके बाद हर लेन-देन पर 23 रुपये चार्ज का प्रावधान था.

  • यानी अब चार्ज दुगने से भी ज्यादा हो गया, जबकि लेन-देन की संख्या आधी कर दी गयी.

  • ध्यान देने की बात ये है कि फीस केवल नगद निकालने की सूरत में ही लगेगा, एक और बात पैसा निकालने की कोई सीमा नही होगी.

  • 25 से 50 हजार रुपया औसत मंथली बैलेंस है तो आपको महीने में 10 बार मुफ्त नकद निकालने की सुविधा मिलेगी, जबकि 50 हजार से एक लाख रुपये तक के औसत मंथली बैलेंस की सूरत में 15 बार मुफ्त नकद निकासी होगी. 1 लाख रुपये से ज्यादा की सूरत में ऐसी कोई सीमा नहीं. यहां भी फीस दुगुनी कर दी गई है.


एटीएम के मामले में एक शर्त को छोड़ बाकी किसी भी नियम में कोई बदलाव नही किया गया है.


अगर आपका औसत मंथली बैलेंस 25 हजार रुपये तक है तो स्टेट बैंक औऱ उसके सहयोगी बैंकों के किसी भी एटीएम से 5 बार पैसा निकालने या बैलेंस वगैरह की जानकारी लेने पर कोई फीस नहीं देना होगा. उसके बाद हर बार पैसा निकालने पर साढ़े 11 रुपये औऱ बैलेंस वगैरह जानने पर पौने छह रुपये लगेगा.


25 हजार रुपये से ज्याता के मंथली बैलेंस पर पैसा निकालने या बैलेंस वगैरह जानने के मामले में कोई सीमा नही होगी.


अब यदि एसबीआई को छोड़ किसी दूसरे बैंक का एटीएम इस्तेमाल कर रहे हैं और औसत मंथली बैलेंस 1 लाख रुपये से कम है तो छह महानगरों (दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बैंगलुरु में तीन और बाकी जगहों पर पांच लेन-देन मुफ्त होगा जबकि उसके बाद पैसा निकालने पर 23 रुपये और बैलेंस वगैरह जानने पर करीब सवा 9 रुपये का चार्ज लगेगा.