नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक का 31 दिसंबर 2016 को खत्म तीसरी तिमाही के दौरान एकीकृत शुद्ध मुनाफा 71 फीसदी बढ़कर 2,152.2 करोड़ रुपये रहा. बैंक ने इससे पिछले साल की इसी तिमाही में 1259.4 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया था.
बैंक के वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही (अक्तूबर से दिसंबर) के यहां जारी परिणाम के मुताबिक इस दौरान उसकी कुल आय 75,537.2 करोड़ रुपये रही जबकि इससे पिछले साल इसी तिमाही में 67,511.45 करोड़ रुपये की आय हुई थी.
दिसंबर 2016 तिमाही में नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट्स (एनपीए) के लिये बैंक की प्रावधान राशि 8,942.83 करोड़ रुपये रही जबकि इससे पिछले साल यह राशि 7,949.38 करोड़ रुपये रही. दिसंबर अंत में बैंक की एनपीए राशि बढ़कर 1.08 लाख करोड़ रुपये हो गई जबकि एक साल पहले दिसंबर में यह 72,791.73 करोड़ रुपये रही थी.
आलोच्य अवधि में बैंक का ग्रॉस एनपीए पिछले साल के 5.10 फीसदी से बढ़कर 7.23 फीसदी हो गया जबकि नेट एनपीए इस दौरान 2.89 फीसदी से बढ़कर 4.24 फीसदी हो गया.
एकल आधार पर स्टेट बैंक का शुद्ध मुनाफा तीसरी तिमाही में दो गुना से भी अधिक बढ़कर 2,610 करोड़ रुपये हो गया जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 1115.3 करोड़ रुपये रहा था. इस अवधि में बैंक की एकल आधार पर आय 53,587.5 करोड़ रुपये रही जो कि एक साल पहले 46,731 करोड़ रुपये रही थी.
एकीकृत आधार पर स्टेट बैंक का शुद्ध मुनाफा 71 फीसदी बढ़कर 2,152.20 करोड़ रुपये हुआ जो कि एक साल पहले इसी तिमाही में 1,259.40 करोड़ रुपये था.
एसबीआई के तिमाही नतीजों की खास बातें
- बैंक का नेट मुनाफ़ा 134.01 फीसदी बढ़ा. साल 2016 के इस क्वार्टर मे 1115 करोड था जो बढ़कर 2610 करोड़ रुपये हुआ.
- ऑपरेटिंग मुनाफा 30.61 फीसदी बढ़ा है और अब 12543 करोड़ रुपये हुआ जो पिछले साल के इसी क्वार्टर मे 1597 करोड़ रुपये हुआ था.
- डिपॉजिट्स मे 22.10 फीसदी का इज़ाफा
- 1671416 करोड़ रुपये की बजाए 2040778 करोड़ रुपये हुआ. (सालाना-दिसंबर 2016 के अनुसार)
- सेविंग बैंक डिपॉजिट्स मे 35.93 फीसदी का इज़ाफ़ा 568378 करोड़ की बजाए 772429 करोड़ रुपये हुआ. (वार्षिक- दिसंबर 2016 के अनुसार)
एसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य का बयान-
- जनधन अकाउंट मे कई डुप्लीकेट अकाउंट है ( एक ही व्यक्ति के एक से अधिक अकाउंट )
- एसबीआई के जनधन के ३४ फीसदी अकाउंट मे शुन्य बैलेन्स है और एसबीआई के २६ फीसदी अकाउंट मे शून्य बैलेन्स है.
- एसबीआई के तमाम जनधन अकाउंट में इस समय 16000 करोड़ रुपये है.
- 13300 करोड रुपये नोटबंदी के चलते अकाउंट में आए. लेकिन जिस तरह से लोग पैसे उठा रहे हैं उससे लगता है कि 40 फीसदी पैसा बैंक में ही रहेगा. लोग नहीं उठाएंगे. अब ब्याज की दर कम होना मुश्किल है. क्योंकि आरबीआई ने जो दरें कम की हैं उससे ज्यादा दरें हम कम कर चुके हैं.