iPhone: स्टीव जॉब्स की चलती तो कभी नहीं बन पाता आईफोन, मोबाइल फोन से थी चिढ़
Steve Jobs: स्टीव जॉब्स को लगता था कि मोबाइल फोन एक प्रॉब्लम है. टेलीकॉम कंपनियों के साथ मिलकर आईफोन को कस्टमर्स तक पहुंचाने में काफी दिक्कत आएगी.
Steve Jobs: एप्पल आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है. कंपनी के स्मार्टफोन आईफोन ने सारी दुनिया के लोगों को ऐसा दीवाना बनाया है कि एप्पल (Apple) आज एक दिग्गज स्मार्टफोन निर्माता कंपनी बन गई है. आईफोन (iPhone) फिलहाल दुनिया में सेल्स के रिकॉर्ड जरूर तोड़ रहा है. मगर, इसके बनने की कहानी आसान नहीं थी. कंपनी के को-फाउंडर और बिजनेस जगत के चहेते स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) आईफोन को बनाने के खिलाफ थे. उन्हें मोबाइल फोन ही पसंद नहीं थे. अगर उनकी चलती तो आज आपके हाथों में आईफोन होता ही नहीं. उन्हें एप्पल द्वारा फोन बनाने का आईडिया बिलकुल बकवास लगा था.
ब्रायन मर्चेंट ने अपनी किताब में किया दावा
लेखक ब्रायन मर्चेंट ने अपनी किताब ‘द वन डिवाइस- द सीक्रेट हिस्ट्री ऑफ द आईफोन’ में खुलासा किया है कि स्टीव जॉब्स एप्पल द्वारा स्मार्टफोन बनाने के पक्ष में नहीं थे. स्टीव जॉब्स ने 2005 में कहा था कि फोन एक प्रॉब्लम है. हमें टेलीकॉम कंपनियों के साथ मिलकर कस्टमर्स के पास पहुंचने में दिक्कत आएगी. उस समय वेरिजॉन और एटीएंडटी जैसी टेलीकॉम कंपनियों का दबदबा था. इसलिए उन्हें स्मार्टफोन पसंद नहीं थे. उन्हें लगता था कि एप्पल स्मार्टफोन बनाकर सिर्फ कुछ लोगों के हाथों तक ही पहुंचा पाएगी.
इंजीनियर छिपकर मल्टी टच टेक्नोलॉजी पर काम करते रहे
किताब में दावा किया गया है कि स्टीव जॉब्स की इस सोच के चलते आईफोन के इंजीनियर छिपकर मल्टी टच टेक्नोलॉजी पर काम करते रहे. उन्होंने इसे तब ही स्टीव जॉब्स के सामने पेश किया, जब यह टेक्नोलॉजी पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी. आईफोन के वरिष्ठ इंजीनियर एंडी ग्रिगनॉन ने मर्चेंट को बताया कि पूरी टीम स्टीव जॉब्स को आईफोन बनाने के लिए मनाने का प्रयास कर रही थी. उन्हें समझाया जा रहा था कि आईफोन एक शानदार आईडिया है. मगर, इन्हें इसकी सफलता के आयाम समझ नहीं आ रहे थे. एंडी ग्रिगनॉन वह पहले इंसान थे, जिन्होंने आईफोन से कॉल की थी.
एप्पल के वाईस प्रेसिडेंट ने स्टीव जॉब्स को मनाया
एप्पल के वाईस प्रेसिडेंट माइकल बेल ने 7 नवंबर, 2004 को स्टीव जॉब्स को ईमेल लिखा और उन्हें आईफोन के डेवलपमेंट के लिए मनाने का प्रयास किया. लंबी चर्चा के बाद आखिरकार स्टीव जॉब्स आईफोन के प्रोजेक्ट को मंजूर करने के लिए तैयार हो गए. इसके बाद उन्होंने माइकल बेल को कॉल किया और कहा कि ओके, मुझे लगता है कि हमें यह करना चाहिए. इसके बाद आईफोन ने जो किया वह आज आप सबके सामने है.
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