SEBI Update: शेयर बाजार में गड़बड़ियों का पता लगाने के साथ इस पर नकेल कसने की जिम्मेदारी अब शेयर ब्रोकर्स की भी होगी. बाजार के रेग्यूलेटर सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया  (SEBI) ने शेयर ब्रोकरों के लिए संस्थागत व्यवस्था (Institutional Machanism) बनाने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है जिसके बाद बाजार में गड़बड़ियों का पता लगाने के साथ उसे रोकने की जिम्मेदारी अब शेयर ब्रोकर्स की भी होगी. अब तक स्टॉक ब्रोकर्स के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं था. 


सेबी (Securities and Exchange Board of India) के मुताबिक ब्रोकर्स के लिए संस्थागत व्यवस्था के तहत ब्रोकिंग फर्मों के साथ उसके सीनियर मैनेजमेंट पर मजबूत निगरानी के साथ कंट्रोल सिस्टम्स के साथ फ्रॉड की पहचान करने के साथ उसे रोकने के लिए जवाबदेह बनाया जाएगा.  ब्रोकर्स को रिपोर्टिंग व्यवस्था को भी तैयार करना होगा. सेबी ने फ्रॉड या बाजार में दुरुपयोग के संभावित उदाहरणों की सूची जारी की है जिसके लिए मॉनिटर किए जाने की जरुरत होगी.  इन उदाहरणों में ऐसे मामले जहां सौदे की भ्रामक छवि बनाना, भाव में हेराफेरी, फ्रंट रनिंग (संवेदनशील जानकारी के आधार पर लाभ उठाना), भेदिया कारोबार, गलत बिक्री और अनधिकृत सौदे शामिल हो सकते हैं. 


सेबी ने 27 जून को जारी इस नोटिफिकेशन में कहा है कि शेयर ब्रोकर्स को किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता लगने के 48 घंटे के भीतर स्टॉक एक्सचेंजों को जानकारी देना होगा. इसके अलावा उन्हें संदिग्ध गतिविधि, धोखाधड़ी और बाजार दुरुपयोग के मामलों पर एक एनालसिस के साथ की गई कार्रवाई को लेकर सबमिट करना होगा.  


नोटिफिकेशन के मुताबिक, शेयर ब्रोकिंग कंपनियों को कर्मचारियों और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के लिए संदिग्ध धोखाधड़ी, अनुचित या अनैतिक गतिविधियों के मामले को उठाने के लिए एक गोपनीय तरीका देने वाली व्हिसलब्लोअर नीति स्थापित और लागू करनी होगी. सेबी की पॉलिसी के मुताबिक व्हिसलब्लोअर को पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा. इन बदलावों को प्रभावी बनाने के लिए सेबी ने शेयर ब्रोकर और धोखाधड़ी और पीएफयूटीपी के मानकों में संशोधन किया है जो 27 जून से प्रभावी हो गए हैं. 


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