सेबी के बाद अब स्टॉक एक्सचेंजों ने भी रिलायंस-फ्यूचर डील को मंजूरी दे दी है. रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर ग्रुप के रिटेल एसेट्स 24,713 करोड़ रुपये में खरीद लिए थे.लेकिन इसके खिलाफ एमजॉन अंतरराष्ट्रीय  आर्बिट्रेशन अदालत में चली गई थी. बीएसई और एनएसई दोनों ने कहा है कि इस मामले में कोई भी अदालती फैसला लागू हो सकता है.लेकिन फिलहाल हमारी ओर से इस डील को मंजूरी दे दी गई है.

सेबी पहले ही दे चुका है रिलायंस-फ्यूचर डील को मंजूरी

सेबी ने पहले ही रिलायंस-फ्यूचर डील को मंजूरी दे दी है. एमेजॉन ने सेबी ने इस डील को रोकने को कहा था. अमेजन ने कहा था कि फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस के साथ सौदा करते वक्त उसके साथ हुए समझौते का उल्लंघन किया है. लिहाजा इस सौदे को सेबी की ओर से मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए. दरअसल इस डील को पूरा होने के लिए सेबी और शेयर बाजारों की मंजूरी जरूरी है. 20 जनवरी को स्टॉक एक्सचेंजों ने अपनी रिपोर्ट में फ्यूचर ग्रुप से कहा है कि सौदे पर एमेजॉन.कॉम की शिकायत, फ्यूचर का जवाब और एमेजॉन की दलील शेयरहोल्डर्स के सामने रखी जाए. सौदे की मंजूरी के लिए शेयरहोल्डरों की सहमति भी जरूरी है .

CCI से भी रिलायंस-फ्यूचर डील को हरी झंडी

रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर ग्रुप की डील को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) भी मंजूरी दे चुका है. इसके साथ ही अब रिलायंस इंडस्ट्रीज को फ्यूचर ग्रुप के कारोबार का अधिग्रहण करने में आसानी होगी. वहीं सीसीआई की मंजूरी अमेरिका की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन के लिए एक बड़ा झटका है.

दरअसल, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप के बीच एक डील हुई थी. इस डील के तहत रिलायंस ने फ्यूचर ग्रुप के खुदरा, थोक, भंडारण और लॉजिस्टिक कारोबार का अधिग्रहण करने के लिए 24,713 करोड़ रुपये का सौदा किया गया था. इस सौदे को अब सीसीआई ने मंजूरी दे दी है. वहीं दूसरी तरफ एमेजॉन की ओर से रिलायंस इंडस्ट्रीज और फ्यूचर ग्रुप की इस डील का लगातार विरोध किया जा रहा है.

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