Investors Poorer by 8 lakh of Rupees: दिवाली के बाद त्योहारों के सीजन के खत्म होने के बाद से ही भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला जारी है. पिछले हफ्ते तीन दिन लगातार बाजार लाल निशान में बंद हुआ था. शुक्रवार को गुरू पर्व की छुट्टी के चलते बाजार बंद था. लेकिन सोमवार को बाजार में फिर से मंदड़ियों का बोलबाला रहा है और देखते ही देखते सेंसेक्स 1500 अंकों तक लुढ़क चुका था. सेंसेक्स करीब 1200 और निफ्टी 350 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ है. बाजार में पिछले सात महीने की सबसे बड़ी गिरावट आज देखी गई, जिसके चलते निवेशकों के एक ही दिन में 8 लाख करोड़ रुपये खाक हो गये. 


क्यों है बाजार में मायूसी


- माना जा रहा है कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान का असर शेयर बाजार पर दिखा. बाजार को लगता है चुनावी दबाव में सरकार अब बड़े सुधार के फैसलों को पीछे छोड़ सकती है. वहीं कृषि के क्षेत्र में सुधार पर फिलहाल के लिये विराम लग गया है. यही वजह है सरकारी क्षेत्र की कंपनियों की बाजार में खूब पिटाई हुई. 


- Reliance और Aramco डील के खत्म होने का भी बाजार के सेंटीमेंट पर असर पड़ा है. इसका असर ये हुआ कि रिलायंस का शेयर 109 रुपये टूट गया जिसके चलते बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई. 


- पेटीएम के शेयर की लिस्टिंग के बाद से ही इस शेयर में निवेश करने वाले निवेशकों को बुरा सपने लगातार आ रहे हैं. अपने आईपीओ प्राइस से दो ही ट्रेडिंग सेशन में ये 37 फीसदी नीचे आ चुका है और निवेशकों को 50,000 करोड़ रुपये की चपत लग चुकी है. 


- कोरोना के मामले कई देशों में बढ़ रहे हैं जिससे बाजार में मायूसी और चिंता है. ऑस्ट्रिया ने कोरोना मामलों में बढ़ोतरी के बाद फिर से लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है. फरवरी महीने से ऑस्ट्रिया वैक्सीन को जरुरी करने जा रहा है. 


- महंगाई के बढ़ने का खतरा बना हुआ है जिसके चलते दुनियाभर में ब्याज दर के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. दिसंबर महीने में आरबीआई भी द्विमासिक कर्ज नीति की समीक्षा करेगी.    


डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)


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