Stock Market Closing On 18 November 2024: इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसे आईटी स्टॉक्स में तेज गिरावट के चलते हफ्ते के पहले कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ है. हालांकि आईटी के अलावा दूसरे ज्यादातर सेक्टर्स में तेजी रही लेकिन आईटी स्टॉक्स में बिकवाली से बाजार दबाव में आ गया. आज का कारोबार खत्म होने पर बीएसई सेंसेक्स 241 अंकों की गिरावट के साथ 77,371 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 79 अंकों की गिरावट के साथ 23,465 अंकों पर क्लोज हुआ है.
चढ़ने - गिरने वाले शेयर्स
आज के कारोबार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में 14 शेयर्स तेजी के साथ जबकि 16 गिरकर बंद हुए. निफ्टी के 50 शेयरों में 21 तेजी के साथ और 29 गिरावट के साथ बंद हुए. तेजी वाले शेयरों में टाटा स्टील, नेस्ले इंडिया, एचयूएल, एसबीआई, जेएसडब्ल्यू स्टील, अडानी पोर्ट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, मारुति सुजुकी, एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस और एशियन पेंट्स शामिल है. जबकि टीसीएस, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, एनटीपीसी, बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक और एक्सिस बैंक गिरावट के साथ बंद हुआ है.
सेक्टोरल अपडेट!
आज के कारोबार में बैंकिंग, ऑटो, एफएमसीजी, मेटल्स, रियल एस्टेट, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर के शेयरों में तेजी रही जबकि आईटी, हेल्थकेयर, ऑयल एंड गैस, एनर्जी, मीडिया और फार्मा सेक्टर के शेयरों में बिकवाली देखी गई. आज के ट्रेड के दौरान निफ्टी का मिडकैप इंडेक्स फ्लैट बंद हुआ जबकि निफ्टी का स्मॉलकैप इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुआ है.
क्यों गिरे भारतीय शेयर बाजार?
भारतीय शेयर बाजार के गिरने में बड़ा हाथ आईटी स्टॉक्स का रहा है. निफ्टी का आईटी इंडेक्स एक समय 1200 अंकों से ज्यादा नीचे जा लुढ़का था और ये इंडेक्स 2.22 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ है. निफ्टी आईटी इंडेक्स में शामिल सभी 10 शेयर गिरकर बंद हुए जिसमें इंफोसिस, टीसीएस, टेक महिंद्रा, विप्रो और एलटीआईमाइंडट्री और एचसीएल टेक शामिल है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने कहा है कि सेंट्रल बैंक को ब्याज दरें घटाने में जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है. उनके इस बयान से अमेरिकी टेक कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई और इसका असर भारतीय आईटी स्टॉक्स पर भी पड़ा है. दरअसल भारतीय आईटी कंपनियों के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है.
इसके अलावा बाजार को नीचे ले जाने में कंपनियों के निराश करने वाले तिमाही नतीजों के अलावा विदेशी निवेशकों की बिकवाली का हाथ रहा है. सितंबर महीने के आखिरी हफ्ते से एफआईआई की शुरू हुई बिकवाली जारी है.
ये भी पढ़ें
Dabba Trading: डब्बा ट्रेडिंग की हुई वापसी, 100 लाख करोड़ रुपये रोजाना पहुंचा वॉल्यूम!