Stock Market Crash: घरेलू शेयर बाजार में आज करीब 1500 अंकों की गिरावट सेंसेक्स में देखी जा चुकी है. 1 नवंबर को पिछले क्लोजिंग लेवल यानी दिवाली की मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन से आज के लेवल में सेंसेक्स 1491.52 अंक टूट चुका है. भयानक गिरावट के चलते आज घरेलू बाजार निवेशकों के 8.44 लाख करोड़ रुपये डुबा चुका है. सेंसेक्स का आज का सबसे निचला लेवल 78,232.60 का है और जो हाहाकार मचा है उससे ये आशंका बन गई थी कि कहीं आज ही ये 78 हजार का लेवल भी ना तोड़ दे.


दोपहर 1.25 बजे सेंसेक्स का हाल


दोपहर डेढ़ बजे सेंसेक्स में 1338 अंक या 1.68 फीसदी की गिरावट के साथ 78,386 के लेवल पर कारोबार देखा जा रहा है. बीएसई का सेंसेक्स 440.69 लाख करोड़ रुपये पर आ चुका है. बीएसई पर इस समय 4124 शेयरों में जो ट्रेड हो रहा है उसमें से 2833 शेयर गिरावट के लाल निशान के साथ ट्रेड कर रहे हैं. निफ्टी भी इस समय तक 414 अंक गिरकर 23,890 पर आ गिरा. आज के सबसे निचले लेवल 23,816 तक ये गया था जिसका अर्थ है कि ये 488.20 अंक टूटकर वहां से वापस लौटा है.


बाजार की गिरावट के 5 बड़े कारण जिन्होंने स्टॉक मार्केट को डुबोया 


अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे


1. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के चलते अमेरिकी बाजारों के मेन इंडेक्स डाओ जोंस और डाओ जोंस फ्यूचर (Dow Jones Futures) में 93 अंकों की हल्की गिरावट देखी जा रही है. डाओ फ्यूचर्स इस समय 41,959 के लेवल पर बना हुआ है और इसमें गिरावट के असर से भारतीय बाजार में भी कमजोरी और दबाव देखा जा रहा है. वहीं अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के चलते वहां के बाजारों में अस्थिरता देखी जाने की पूरी आशंका है और इसके चलते घरेलू बाजार पर भी सुस्त ट्रेड देखे जाने की आशंका है. अमेरिका में जो भी राष्ट्रपति बनेगा, भारत के लिए आने वाला कुछ समय इसके असर से उठापटक वाला बना रहेगा.


2. भारतीय बाजार के वैल्यूएशन अभी भी ऊंचे


भारतीय बाजार के वैल्यूएशन अभी भी ऊंचे हैं और इसके तहत निफ्टी 50 का मौजूदा PE (प्राइस-टू-अर्निंग) रेश्यो 22.7 पर है. ये इसके 2 साल के ऐवरेज पीई 22.2 से ऊंचा है और एक साल के ऐवरेज 22.7 के काफी करीब है. भारतीय बाजार में कई शेयर अपने वैल्यूएशन से ऊंचे चल रहे हैं और इनके दम पर विदेशी या घरेलू निवेशक बाजार में पैसा लगाने के लिए सही मौका ढूंढ रहे हैं. ये वैल्यूएशन यहां तक बढ़ चुके हैं कि आज की गिरावट के बाद भी निवेशकों को लिवाली के लिए प्रोत्साहित नहीं कर पा रहे हैं.


3. एफपीआई-एफआईआई की लगातार बिकवाली


विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) की लगातार बिकवाली के चलते भारतीय बाजार में चिंता का माहौल बना हुआ है. विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) की ओर से भी जबरदस्त सेलिंग बनी हुई है. इन विदेशी निवेशकों के भारतीय बाजार से पैसा निकालने के कारण त्योहारी सीजन में भी तेजी से फंड का आउटफ्लो जारी रहा है.


4. कमजोर तिमाही नतीजे


भारतीय कंपनियों के जुलाई-सितंबर तिमाही के कमजोर नतीजों के चलते भी घरेलू शेयर बाजार में सेंटीमेंट पर असर देखा जा रहा है. इंडिया इंक के सितंबर तिमाही के ज्यादातर नतीजे बाजार के अनुमान से कम रहे हैं. इसके असर से निवेशकों का मार्केट को लेकर आउटलुक गड़बड़ा गया है. वित्त वर्ष 2025 में निफ्टी EPS (अर्निंग पर शेयर) गिरकर 10 फीसदी के नीचे जा सकता है. ये वित्त वर्ष 2025 के पूरे अर्निंग आउटलुक पर खराब असर डाल रहा है जिसके कारण विदेशी-देशी निवेशकों में चिंता है.


5. अमेरिकी फेडरल रिजर्व का ब्याज दरों पर फैसला


अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अगली बैठक 7 नवंबर को होने वाली है और इसमें जानकारों को पहले ही 0.25 फीसदी या 25 बेसिस पॉइंट की कटौती होने का अनुमान है. हालांकि इस कदम से बाजार के लिए ज्यादा चिंता नहीं होने वाली है क्योंकि ये फैक्टर पहले ही बाजार में समाहित करके माना जा चुका है. हालांकि अमेरिकी चुनाव में भारी खर्च होने के चलते यूएस में भारी खर्च होगा और इसके चलते वहां वित्तीय घाटा ऊंचा रहेगा और बॉन्ड यील्ड ऊंची रहेगी-जो कि ग्लोबल बाजारों के लिए अच्छा तथ्य नहीं है.


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