Investors Wealth Loss: लगातार 4 ट्रेडिंग सेशन में शेयर बाजार के गिरावट, निवेशकों को हुआ 12.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
BSE Market Cap: निवेशकों को सोमवार को 7.60 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. लेकिन पिछले चार कारोबारी सत्र में निवेशकों को 12.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
Investors Loss: भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए पिछला चार ट्रेडिंग सत्र बेहद निराश करने वाला रहा है. इऩ चार सत्रों में निवेशकों को खासा नुकसान उठाना पड़ा है. इजरायल और हमास युद्ध के चलते पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से वैश्विक बाजारों में पैदा हुए कमजोर रुझानों के चलते भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार 23 अक्टूबर, 2023 को भारी गिरावट रही और निवेशकों को 7.60 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. लेकिन पिछले चार कारोबारी सत्र में निवेशकों को 12.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
18 अक्टूबर 2023 से बाजार में गिरावट के सिलसिला शुरू हुआ था. 17 अक्टूबर, 2023 को बीएसई का मार्केट कैपिटलाईजेशन 323.80 लाख करोड़ रुपये रहा था. 18 अक्टूबर के बाद चार ट्रेडिंग सेशन में बाजार में गिरावट के बाद बीएसई मार्केट कैपिटलाइजेशन 311.30 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है. यानि पिछले चार सत्र में भारतीय शेयर बाजर के निवेशकों को 12.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
17 अक्टूबर को सेंसेक्स 66,428 अंकों पर क्लोज हुआ था. उस दिन के बाद से सेंसेक्स 1960 अंकों की गिरावट के साथ घटकर 64,572 अंकों पर क्लोज हुआ है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 17 अक्टूबर को 19810 अंकों पर क्लोज हुआ था. लेकिन इसके बाद चार ट्रेडिंग सत्र में निफ्टी में 530 अंकों की गिरावट आ चुकी है.
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी रिसर्च हेड (रिटेल) श्रीकांत चौहान ने कहा, “आखिरी घंटे के कारोबार में बेंचमार्क सूचकांकों में भारी गिरावट देखी गई क्योंकि पश्चिम एशिया क्षेत्र में बढ़ते वैश्विक राजनीतिक तनाव के कारण तेज बिकवाली देखी गई. उन्होंने कहा, “निवेशक पहले से ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी और मुद्रास्फीति को लेकर चिंतित हैं और इजराइल-हमास संघर्ष से अनिश्चितता और बढ़ गई है. वहीं दूसरी तरफ 10 साल वाली अमेरिकी ट्रेजरी नोट यील्ड 23 अक्टूबर 2023 को पहली बार 5 फीसदी के पार जा पहुंचा है.
जुलाई 2007 के बाद यानि पिछले 16 सालों में ये पहला मौका है जब अमेरिकी ट्रेजरी नोट यील्ड 5 फीसदी के पार जा पहुंचा है. इसके चलते भी भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली है.
ये भी पढ़ें