नई दिल्ली: कोरोना के कहर ने हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को फिर दलाल स्ट्रीट पर कोहराम मचाया. सेंसेक्स शुरुआती कारोबार के दौरान 3200 अंक से ज्यादा टूटकर 29,600 के नीचे आ गया और निफ्टी भी 966 अंक लुढ़ककर 8,624 के स्तर पर आ गया. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 9.21 बजे पिछले सत्र से 3,171.58 अंकों यानी 9.68 फीसदी की गिरावट के साथ 29,606.56 पर कारोबार कर रहा था जबकि इससे पहले सेंसेक्स कमजोरी के साथ 32,214.13 पर खुला और 29,564.58 तक लुढ़का.


इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी पिछले सत्र से 966.10 अंकों की गिरावट के साथ 8,64.05 पर आ गया. इसके बाद एक घंटे के लिए कारोबार बंद हो गया और सेंसेक्स-निफ्टी दोनों में सर्किट लगा.


ये पहला मौका नहीं है जब भारतीय शेयर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. इससे पहले भी कई बार ऐसे मौके आए हैं जब घरेलू स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट दर्ज की गई.


कब कब आई गिरावट


145 साल के हो चुके बीएसई में बीते 12 सालों में 5 सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की जा चुकी है. बीते 12 सालों में कई बड़ी गिरावट के बारे में यहां जानें-


12 मार्च 2020


12 मार्च 2020 को शेयर बाजार में तबाही का मंजर देखने को मिला था. बाजार में जबरदस्त गिरावट से निवेशकों में कोहराम मच गया और इंवेस्टर्स के 9 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए. बीएसई के 30 शेयरों वाले इंडेक्स सेंसेक्स में 2919.26 अंकी भारी गिरावट दर्ज की गई.


9 मार्च 2020


कोरोना वायरस के कहर के चलते वैश्विक बाजार में छाई सुस्ती और यस बैंक की वजह से पैदा हुए संकट के कारण 9 मार्च 2020 को सेंसक्स में 1942 अंकों की गिरावट दर्ज की गई.


24 अगस्त 2015


24 अगस्त 2015 को बाजार में बेहद बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. तब सेंसेक्स में एक दिन में 1625 अंकों की गिरावट दर्ज की गई थी. इस गिरावट का कारण वैश्विक बाजारों में गिरावट और डॉलर के मुकाबले रुपया का गिरना था.


28 फरवरी 2020


28 फरवरी 2020 को कोरोना वायरस बढ़ने की आशंका के चलते बाजार बुरी तरह से लुढ़क गया और सेंसेक्स में 1448 अंकों तक की गिरावट दर्ज की गई थी.


21 जनवरी 2008


21 जनवरी 2008 को बाजार के इतिहास की बड़ी गिरावट देखी गई. इस गिरावट के चलते सेंसेक्स 1408 अंकों तक टूट गया था. तब इस गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक मंदी के कारण दुनियाभर के बाजारों में आई गिरावट को माना गया था.


BSE का इतिहास


बीएसई को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के नाम से भी जानते हैं. यह एशिया का सबसे पुराना शेयर बाजार है जिसको 1875 में स्थापित किया गया था. भारत के पूंजी बाजार के विकास में बीएसई का अहम रोल रहा है. बीएसई की शाखाएं राष्ट्रीय स्तर फैली हुई हैं. बीएसई का इतिहास बहुत ही समृद्ध माना जाता है.