Stock Market Outlook: भारतीय शेयर बाजार के लिए बीता हफ्ता जबरदस्त साबित हुआ जब इसमें सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने अपने ऑलटाइम हाई लेवल को पार करके ऐतिहासिक ऊंचाई दिखाई. काफी समय से हम आपको ऐसे शेयरों और बाजार की चाल के बारे में बता रहे हैं जिससे आपको शानदार मुनाफा मिल सकता है. आज भी यहां
हम आपको बाजार की चाल और शेयरों के टेक्वनीकल एनालिसिस दिखा रहे हैं. CNI Research के इस विश्लेषण को जानें और उठाएं फायदा.


CNI Research के किशोर ओस्तवाल की राय
CNI Research के एमडी किशोर पी ओस्तवाल का कहना है कि आखिरकार इस गुरुवार को हमने निफ्टी में 18998 का हाई लेवल देख ही लिया और ये केवल सीएनआई की टीम ही थी जिसने इस लेवल के आने का अंदेशा लगाया था वो भी तब, जब ये 15200 के लेवल पर था. ऐसा इसलिए क्योंकि CNI का अपना कोई और इंटरेस्ट नहीं है (केवल रिसर्च प्लेटफॉर्म है ना कि ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म) और इसके पास सारे टूल्स हैं जो डेटा को आसानी से रीड कर सकते हैं, चाहे वो वीकली, मंथली, सालाना या पिछले 31 साल का डेटा हो. जो हमें फॉलो करते हैं वो जानते हैं कि पिछले 13 सालों से हमारा स्ट्राइक रेट लगातार 95 फीसदी से ज्यादा रहा है. ऐसा कई कठिन परिस्थियों में भी रहा है जैसा कि कोविड-19 के समय में देखा गया था. हमने सेंसेक्स के 21,000 तक जाने का तब अनुमान दिया था जब ये लेहमैन संकट के समय 7200 तक टूट गया था. ऐसा नहीं है कि सिर्फ हम ही बाजार को ठीक से समझते हैं, लेकिन जो इसे समझते हैं वो इसे सफाई से अपने हिसाब से चलाते भी हैं.


निफ्टी की चाल पर हमारी सटीक राय 
ये ही कारण था कि निफ्टी के 14500 तक का निचला स्तर तब देखा गया जब ये 15200 के लेवल पर था. वहीं हमने दोबारा बीएचईएल के शेयर को डाउनग्रेड होता हुआ देखा और इसने निचला स्तर भी बनाया. वहीं इसके बाद इसने अपने निचले स्तर से 64 फीसदी का उछाल दिखाया था और ये भी 4 महीने से कम के लेवल पर आया था. एक और ब्रोकर ने SAIL को डाउनग्रेड कर दिया था और अब हमारा कहना है कि सेल में अगले कुछ महीनों में 50 से 60 फीसदी का उछाल आ सकता है. अगर सेल में 300-350 रुपये का लेवल नहीं आया तो मेटल सेक्टर की रैली कोसों दूर है. मेटल सेक्टर में दिखी हालिया गिरावट इसलिए आई क्योंकि इसमें जबरदस्त उछाल आ चुका था और अब इसकी गिरावट भी पूरी हो चुकी है जो अब मेटल शेयरों को ऑलटाइम हाई तक ले जाएगा. वहीं निफ्टी की रैली में 18998 के लेवल पर आने के बाद भी निफ्टी RSI केवल 71 पर है जो कि जोरदार शॉर्ट्स के कारण हुआ है. हम इसके 81 के ऊपर जाने पर सतर्क हो जाएंगे. गुरुवार और शुक्रवार को हमने निफ्टी को 18850 के पास खरीदने की सलाह दी थी और 18600 का स्टॉपलॉस लगाने के लिए कहा था.


अमेरिकी बाजारों की चाल
अमेरिकी बाजारों में डाओ जोंस ने 34600 का लेवल पार कर लिया और ये इसलिए हुआ क्योंकि जेरोम पॉवेल ने महंगाई दर कम होने के चलते ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला घटाने के संकेत दिए हैं. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तीसरी तिमाही में ब्लैक फ्राइडे सेल की वजह से 2.9 फीसदी की तेजी से विकास करने की उम्मीद है. मैंने डाओ के 34 हजार पर जाने का अनुमान दिया था जब ये 29 हजार पर था और इसके बाद अपने नंबर्स को संशोधित करते हुए 35,000 तक किया था. अगले कुछ महीनों में डाओ जोंस के ऑलटाइम हाई पर जाने की उम्मीद है. अमेरिका में लगातार बढ़ती महंगाई और बढ़ती ब्याज दरों के दौर में करीब 20 राज्यों ने एकमुश्त टैक्स छूट और टैक्स छूट का ऑफर दिया जिससे नागरिक जीवन के खर्चों के लगातार बढ़ते सिलसिले से लड़ सकें. ये और कुछ नहीं QE का असर है जो अमेरिकी इकोनॉमी को मंदी में जाने से रोकती है.  याद रखें कि मैंने कई बार कहा है कि सरकार के राजस्व को कम करके नहीं आंकना चाहिए. मंदी की कहानियां प्लांट की जाती हैं और इनके आधार पर बाजार के 34600 पर जाने की कोशिशों को झटका लगा पर अब बाजार फिर तेजी से बढ़ रहा है और इसमें 19 फीसदी की उछाल देखी गई. हालांकि इसने कई नुकसान उन लोगों को पहुंचाया जिन्होंने बाजार में शॉर्ट किया था. इतिहास अपने को दोहराता है और शॉर्ट्स हमेशा बुल मार्केट के सबसे पक्के नियम के खिलाफ चलते हैं कि  आप गिरावट पर खरीदारी करें. हालांकि 6 दिसंबर को बाजार में 2 फीसदी गिरावट देखी जा सकती है जिससे ये डाओ के ट्रेंड के आसपास आ सकता है.


बैंकिंग के कुछ शेयरों की बात करें
फील गुड सेक्टर हमेशा खतरनाक होता है, ये हमने प्रमोद महाजन की राजनीति के समय देखा है और फार्मा सेक्टर में देखा है. अब बैंकिंग सेक्टर इस फील गुड सेक्टर में फंसा हुआ है. स्टॉक मार्केट की विडंबना ये है कि जब शेयर निचले स्तर पर होते हैं तो इन्हें कोई पसंद नहीं करता पर जब ये ऊपरी किनारे पर आ जाते हैं तो इन्हें लेना चाहते हैं. इसका उदाहरण है कि हमने बैंक ऑफ बड़ौदा को 73 पर पहचाना और 140 रुपये के लेवल पर एसबीआई को खरीदने की सलाह दी थी. कई ब्रोकर्स अभी भी इन शेयरों को डाउनग्रेड कर रहे हैं और कुछ इन शेयरों को 600 के ऊपर और 165 रुपये के ऊपर खरीदने की सलाह दे रहे हैं. मैं समझता हूं कि ब्रोकर बिकवाली की तरफ हैं और इनका काम ही है शेयरों को बिकवाने के जरिए अपना ब्रोकरेज हासिल करना. ये रिपोर्ट्स आसानी से आ जाती हैं और मुफ्त भी होती हैं, स्टॉक मार्केट मुफ्त की सलाह से प्यार करता है. वो इन रिपोर्ट्स पर भरोसा करता है और इन्हीं के आधार पर कार्य करता है जिन्हें हम बेकार करार देते हैं. बाजार में शॉर्ट टर्म बियर मार्केट और लॉन्ग टर्म बुल मार्केट का कोई कॉन्सेप्ट नहीं होता है. 


SAIL के शेयर पर राय
सेल को डाउनग्रेड करते ही ये शेयर 6 फीसदी ऊपर उछल गया और समूचा मेटल सेक्टर चहक उठा. Tisco का शेयर 104 रुपये से 111 रुपये तक आ गया और एक बार फिर CNI Research का मेटल पर बोल्ड कॉल का नतीजा देखा गया है. ये केवल एक झलक भर है. हमने टाटा स्टील में ऑल टाइम हाई लेवल आते देखे हैं और सेल को भी 110-120 रुपये का स्तर पार करते देख सकते हैं, उसके बाद बाजार को अहसास होगा कि वो जाल में फंस कर गलक कदम उठा चुके हैं. अगर सरकार सेल में क्यूआईपी नहीं करती तो ये 200-250 रुपये के आसपास आ सकता था. 


समार्ट बायर्स कौन होते हैं?
जब आप अगर-मगर में पड़े रहते हैं तो 99.99 फीसदी कन्फ्यूस्ड ट्रेडर्स और इंवेस्टर्स के संसार का हिस्सा बन जाते हैं. वैल्थ क्रिएशन केवल 0.01 फीसदी के जरिए होता है और वो अपना काम भलीभांति जानते हैं. यहां तक कि बाजार जब इन्हीं अगर मगर में पड़कर अपनी होल्डिंग्स घटा देता है तो ये स्मार्ट लोग अपनी पोजीशन को कंसोलिडेट कर लेते हैं. क्या आपको याद है कि मैंने 17100 की गाथा के बाद 7 महीनो का सार आपके सामने रखा था और इसमें 2.20 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी की बात बताई थी. मैं अपना एनालिसिस नहीं भूलता और स्मार्ट बायर्स भी इसे याद रखे हुए हैं. 


FPI कर रहे हैं लगातार खरीदारी
व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी उन्हीं 99.99 फीसदी लोगों से भरी हुई है और इसीलिए हम यहां सबसे ज्यादा शोर देखते हैं. .01 फीसदी लोगों का स्मार्ट बायर्स का हिस्सा गंभीर कारोबार करने वाले लोगों का है और वो इन 99 फीसदी लोगों की बातों और अगर-मगर पर हंसते हैं. 21 जुलाई 2022 से एफपीआई लगातार खरीदारी कर रहे हैं और ये 13.90 अरब डॉलर पर आ चुकी है जिसका सीएनआई रिसर्च ने भलीभांति आपको अनुमान दिया था. इस वित्त वर्ष में होने वाली एफपीआई खरीदारी के लिए हमारा अनुमान है कि और 80,000-90,000 रुपये की खरीदारी देखी जा सकती है. 


कुछ वैल्यू खरीदारी वाले शेयरों के नाम
सीएनआई रिसर्च पर हम ट्रेंड को पकड़ने और स्टॉक का चुनाव करने में सबसे आगे रहते हैं चाहे वो ए ग्रेड शेयर हो या बी ग्रेड शेयर हो या माइक्रो कैप शेयर हो. टाटा पावर, टाटा मोटर्स के शेयर 60 के आसपास थे जब सीएनआई टीम ने इनकी खरीदारी के लिए चुनाव किया था. इसी तरह वीआईपी, वा-टेक, सेरा सेनेट्रीवियर और विमप्लास्ट के शेयर भी रहे हैं. ओएएल, बीईएमएल, बीईएल, एसबीआई, टिस्को, आईएफबी, शिवालिक, सफारी वगेरह-वगेरह के शेयरों पर कॉल सीएनआई रिसर्च के जरिए दी गई है और इन्होंने पिछले दशक में 100 फीसदी से 3000 फीसदी का रिटर्न दिया है. 


मल्टीबैगर रिटर्न वाले शेयर
हमारे पास सैकड़ों ऐसे शेयर हैं जो हमारे क्रेडिट के हकदार हैं पर हम आम तौर पर ऐसे शेयरों पर दावा नहीं करते हैं. ये बीती बात है और इसे खोदने से कुछ हासिल नहीं होगा तो बेहतर है कि हम आज की बात करें और मल्टीबैगर शेयरों की बात करें. हाल का दांव सीसीडी, स्पिक, हिमाद्री, आरवीएनएल, रेलटेल और कई शेयरों ने 12 महीनों में 100 फीसदी रिटर्न डे डाला है. इन सभी नामों को आप जानते हैं तो दोबारा बताने की जरूरत नहीं है. इस हफ्ते हमने ऐसे शेयरों का चुनाव किया है जो लंबी अवधि जैसे 5 साल में 100 फीसदी से लेकर 1000 फीसदी और इनमें से कुछ 10,000 फीसदी तक का रिटर्न देने में सक्षम हैं. ये कुछ माइक्रोकैप शेयर हैं जिनके बारे में जान सकते हैं.


निफ्टी 21,000 तक जाएगा 
2014 में लोकसभा चुनावों का डर, 2017 में यूपी इलेक्शन का डर, यूएस इलेक्शन का डर जो 2022 तक चला और लड़ाई का डर जारी रहा पर बाजार के लिए ऊपरी दिशा में जाना तय था. महंगाई के डर, ब्याज दरों का डर और आर्थिक मंदी के डर ने सीएनआई रिसर्च को 15200 के पास खरीदारी करने के लिए बेहतरीन मौका दिया है. जब स्ट्रीट में बिकवाली होती है तो खरीदारी करना हमारा ध्येय है. हमने पहले ही साल 2025-2026 तक निफ्टी के 37800 तक जाने का अनुमान दिया हुआ है और इसका इमीडिएट टार्गेट जो कि अगले 12 महीनों के लिए है वो 21000 का है. 


निफ्टी पर स्ट्रेटेजी  
मुझे निश्चित तौर पर लगता है कि इस समय 18600 पर बाजार का बॉटम बन चुका है. हालांकि ऐसा किसी डेटा में नहीं है और ना ही चार्ट पर दिया गया है लेकिन हमारे 31 साल के रिसर्च का ये आकलन है कि सभी ऊंचाई और निचले लेवल की जांच करके पता चला है कि जब भी बाजार टॉप से करेक्ट होता है तो उस लेवल को दोबारा छूने में अच्छा खासा समय लेता है. इस बार इसने कुल 12 महीनों का समय लगा और ये 15200 से लेकर 18600 तक आने में इसकी 22 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखी गई. लिहाजा इस बार भी आप लॉन्ग रहें और 18600 को स्टॉपलॉस मानकर रहें. निफ्टी से तभी निकलें जब 18600 का लेवल ये तोड़ दे. 


GST कलेक्शन के लिए आशावान
भारत का जीएसटी कलेक्शन 1.5 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है और इसको मार्च 2023 तक 1.6 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचाने के सारे प्रयास हो रहे हैं. वो दिन दूर नहीं है जब ये जीएसटी कलेक्शन 2 लाख करोड़ रुपये और फिर 3 लाख करोड़ रुपये के लेवल को पार कर जाएगा. वित्त मंत्रालय पहले ही इस बात को कह चुका है कि वो वित्तीय घाटे को 6 फीसदी से कम लाने के लिए प्रतिबद्ध है. 


कुछ अलग कंपनियों की करें बात
देश के तीन एयरपोर्ट डिजिटाइजेशन के एडवांस फेज़ में आ चुके हैं और फेस रिकॉगनिशन टेक्नोलॉजी से बहुत जल्द लैस होंगे.  ये बात सिर्फ एयरपोर्ट पर खत्म नहीं होगी और कई और जगहों पर फेस रिकॉगनिशन टेक्नीक को अपनाया जाएगा. मुझे लगता है भारत में केवल INSPIRISISYS का इस सेगमेंट में अच्छा हिस्सा है और इसका राजस्व 400 करोड़ रुपये पर आ सकता है. जापानी एमएनसी इस समय 200 करोड़ रुपये पर उपलब्ध है. ऐसे में जब हम  रेडिंग्टन जैसे शेयर को 12,000 करोड़ रुपये के मार्केट कैप पर खरीदते हैं और 200 करोड़ रुपये के मार्केट कैप पर इग्नोर करते हैं तो किसे दोष देना चाहिए? चलिए ऐसे शेयरों को हम कुछ साल बाद याद करेंगे और अपनी यादों को दोहराएंगे. 


Disclaimer: यहां बताए गए बाजार के लेवल और शेयर्स CNI Research के शोध वाले शेयर्स हैं. निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की सलाह अवश्य लें. किसी भी तरह के नुकसान के लिए ABPLive.com जिम्मेदार नहीं है.


ये भी पढ़ें


Cryptocurrency Rate 3 December: क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में लौटी रौनक, जानिए कहां तक उछले बिटकॉइन, इथेरियम के दाम